नई दिल्ली 21 फरवरी ( शोभना जैन,वीएनआई) इराक मे लगभग दस माह पूर्व बंधक बनाये गये 39 भारतीयो की खैरियत को लेकर लगातार चल रही अनिश्चितता के बीच इन भारतीयो के व्यथित परिजनो को सरकार ने आज एक बार फिर भरोसा दिलाया कि सरकार इन बंधको की रिहाई के लिये पूरे प्रयास कर रही है और साथ ही सरकार ने कहा कि उनकी रिहाई मे लगे बहुत से स्त्रोतो का कहना है कि ये भारतीय मारे नही गये है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज इन परिवारो से मुलाकात के बाद कहा \'सरकार इन भारतीयो की रिहाई के लिये जमीन आसमान एक किये हुए है, वह इन सभी देशो और व्यक्तियो से संपर्क मे है, जहा से इनकी रिहाई की मदद् मिल सकतीहै.\' गत मई मे बंधक बनाये जाने के बाद से श्रीमति स्वराज की इन् परिजनो से यह छठी मुलाकात् थी.
विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे कोई सबूत नही है कि वे जिंदा या मारे गये है, उन्होने कहा वे इन परिजनो को लगातार तसल्ली देती रही है उन्हे ईशवर पर भरोसा है कि वे उनकी जरूर् सुनेगा और उन लोगो के प्रयास सफल होंगे. गौरतलब है कि गत वर्ष जून मे इराक के मोर्सुल मे काम् करने गये ४० भारतीयो को आए एस आतंकियो ने अगवा कर लिया था, उनमे से एक तो उनकी गिरफ्त से भाग निकलाथा लेकिन शेष ३९ की खरियत को लेकर अभी तक अनिश्चिचितता बनी हुई है और उन सभी के परिजनो का अपनो की खैरियत जानने और उनकी वापसी को लेकर चिताये लगातार बढती जा रही है.
तीन माह पूर्व भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद मे कहा था कि इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीय सुरक्षित है और उनके मारे जाने के कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा था कि, सरकार को छह अलग-अलग सूत्रों से जानकारी मिली है कि 39 भारतीय को नहीं मारा गया है। इन छह सूत्रों के बयानों के आधार पर उनकी जांच की जाएगी। हालांकि उन्होंने कहाकि, वे जिंदा है या मारे गए इसके सबूत नहीं है।
इससे ठीक पहले एक टीवी चैनल ने दावा किया था जून महीने में लापता हुए 40 में से 39 भारतीयों की आईएसआईएस के आतंकियों ने हत्या कर दी है। चैनल के अनुसार इन लोगों को आईएस ने अगवा कर लिया था और उसके बाद इनकी हत्या कर दी गई। चैनल ने यह खबर दो बांग्लादेशी मजदूरों से बातचीत के बाद दी है। हालांकि सरकार ने इस तरह की घटना से इनकार किया है। वी एन आई नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीय सुरक्षित है और उनके मारे जाने के कोई सबूत नहीं है। उन्होंने राज्यसभा में बताया कि, हमें छह अलग-अलग सूत्रों से जानकारी मिली है कि 39 भारतीय को नहीं मारा गया है। इन छह सूत्रों के बयानों के आधार पर उनकी जांच की जाएगी। हालांकि उन्होंने कहाकि, वे जिंदा है या मारे गए इसके सबूत नहीं है।
इससे पहले एक टीवी चैनल ने दावा किया था जून महीने में लापता हुए 40 में से 39 भारतीयों की आईएसआईएस के आतंकियों ने हत्या कर दी है। चैनल के अनुसार इन लोगों को आईएस ने अगवा कर लिया था और उसके बाद इनकी हत्या कर दी गई। चैनल ने यह खबर दो बांग्लादेशी मजदूरों से बातचीत के बाद दी है। हालांकि सरकार ने इस तरह की घटना से इनकार किया है।
बांग्लादेशी मजदूर शफी और हसन ने दावा किया कि आईएस के चंगुल से बचकर आए एक भारतीय हरजीत ने उन्हें इस बारे मे बताया। हरजीत ने शफी को बताया कि उसके दल को बगदाद से मोसुल जाने के दौरान अगवा कर लिया गया। दल में 51 बांग्लादेशी और 40 भारतीय थे। 15 जून को सभी 40 भारतीयों को पहाड़ी क्षेत्र में ले गए और सभी को गोली मार दी। हरजीत को भी दो गोलियां लगी लेकिन उसने मरने का नाटक किया। यह जांचने के लिए कि हरजीत मरा या नहीं आतंकियों ने उसे लात मारकर देखा लेकिन उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई इसक बाद वे उसे मरा समझकर छोड़ गए।
शफी और हसन ने बताया कि शायद हरजीत को गोलियां छूकर निकल गई जिसके चलते वह बच गया। हरजीत से भारतीय एजेसिंयों ने पहले भी बात की थी, उसका मानना है कि उसके दावे का खुलासा नहीं किया गया। वहीं मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि भारतीय बंधकों की वर्तमान स्थिति के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। उनका मानना है कि आईएस ने अगवा भारतीयों की जगह बदल दी है। सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।