"नाम के नाम" : नामवर सिंह सहीं मायनें में "नाम"

By Shobhna Jain | Posted on 31st Jul 2020 | साहित्य
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नई दिल्ली, 31 जुलाई (वीएनआई) प्रतिष्ठित आलोचक और नारायणी साहित्य अकादमी के संस्थापक प्रोफेसर नामवर सिंह की जयंती के उपलक्ष में राजधानी में आयोजित एक समारोह में उनसे जुड़ी यादों को स्मरण करते हुए कहा गया कि नामवर जी का व्यक्तिव व लेखन सही मायनें में " नाम" था.
 
गत 28 जुलाई को  अकादमी कार्यालय में अचीवर्स जंक्शन चैनल द्वारा लाइव ्द्वारा आयोजित कार्यक्रम मेंआयोजन किया गया जिसमें अकादमी के अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा सिंह विसेन ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि *नाम के नाम* नामक शीर्षक से नामवर सिंह जी पर उनके द्वारा रचित प्रबंध काव्य है. उन्होंने कहा कि यह शीर्षक उन्होंने ने ही दिया है. उन्होंने कहा कि वह नामवर सिंह जी के लिए, कभी भी "थे" शब्द प्रयोग नहीं करती हैं. समारोह में श्री धीरेंद्र तिवारी आजाद तथा  गीतकार श्री जगदीश मीणा एवं वरिष्ठ पत्रकार और अकादमी की मीडिया प्रभारी नीलम जीना एवं प्रोफेसर और कवित्री डॉ रेनू सिंह ने नामवर जी से जुड़ी स्मृतियॉ साझा किया.
 
अकादमी की राष्ट्रीय अध्यक्ष,डा.पुष्पा सिंह नामवर जी के संदर्भ में चर्चा करते कहा कि *नारायणी साहित्य अकादमी* ने नामवर सिंह जी द्वारा स्थापित एकमात्र यह साहित्यिक न्यास है. सुश्री जीना ने नामवर सिंह के द्वारा रचित पुस्तकों की चर्चा की. संजय गिरी के काव्य पाठ ,मोहम्मद इलियास द्वारा नामवर सिंह के साथ बीते अपने पलों  की स्मृतियों ने स्मृति संध्या के माहौल को भाव प्रवण कर दिया. शोभना/वी एन आई

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