नयी दिल्ली, 10 अगस्त, (सुनील कुमार /वीएनआई)
जंग में कुछ गोलियों पर ,कुछ गोलों
पर लिखा होता है कुछ जांबाज़ों का नाम
पर जब तलक ,ये जांबाज़ अपने मकसद को
पूरा नहीं कर लेते ,तब तलक वो करते हैं
हर गोली,हर गोले को नाकाम
कर के, पूरा अपना मकसद वो लिखवा लेते हैं
शहीदों में अपना नाम
होली दिवाली तीज त्यौहार
ये सारा देश मनाता है वहां सरहद पर
फौजी खड़ा है बन के अपना पहरेदार
फ़र्ज़ मान कर करता है वो ये काम
न की उसे चाहिए कोई शोहरत कोई नाम
अपने असली नायक हैं वो
बामुश्किल ही जानते होंगे हम उनका नाम
कब तलक शहीदों की मूर्तियों
पर माला चढ़ा फक्र करते रहेंगे हम
ये उन्ही की बदौलत है की हमारे नसीब में
आई ये खुशनुमा सुबह खुशनुमा शाम
बहुत हो गए सड़कों और चौकों के शहीदों पर नाम
अपना फ़र्ज़ मान कर हमें रखना होगा
शहीदों के परिवारों का ध्यान
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