कोलंबो, 29 मई (वीएनआई)| श्रीलंका में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 164 हो गई है जबकि 104 लोग अभी भी लापता हैं।प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस प्राकृतिक आपदा पर अपनी संवेदनाये व्यक्त करते हुए भारत की तराफ से पूरी राहत सहयता देने की वचनबद्धता जताई है. भारत ने इस के लिये अपने 3 जलपोत के जरिये वहा राहत समग्री भिजवाई है,भारतीय नौ सेना की राहत और चिकित्सा टीम वहा स्थानीय लोगो को बचाव और राहत कार्यो मे हाथ बंटा रही है. श्री लंका के विदेश मंत्री ने भारत द्वारा भेजी गई रहत सहायता के लिये भारत का आभार जताया.श्री लंका स्थित भारतीय उच्चायुक्त भी मौके पर मौजुद रह कर राहत सामग्री का निरीक्षण किया
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, 24 मई से शुरू हुई भारी बारिश और तेज हवाएं चलने से 400,000 लोग प्रभावित हुए हैं और 100,000 लोगों को विस्थापित करना पड़ा है। निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को नदी में उफान के खतरे के मद्देनजर सुरक्षित निकलने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने आज और भारी बारिश होने की चेतावनी दी। मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बनी चक्रवात की स्थिति उग्र हो गई है, मौसम विभाग ने ताजा रिपोर्ट में कहा, देश में तेज हवाएं 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रही है। कुछ स्थानों पर 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पीड़ितो को तत्काल राहत पहुंचाने का आश्वासन दिया है और नए घरों के निर्माण की प्रतिबद्धता जताई है।