वाशिंगटन, 16 मई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को दृढ़ता के साथ कहा कि उन्हें रूस के साथ आतंकवाद और दूसरे मुद्दों पर सूचना साझा करने का अधिकार है। ट्रंप ने अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में रहस्योद्घाटन किया कि उन्होंने बीते सप्ताह ओवल कार्यालय में हुई बैठक की गोपनीय जानकारी का खुलासा किया था।
व्हाइट हाउस के अधिकारियों के कई बार इनकार के बाद ट्विटर पर राष्ट्रपति ने अपना पहला बयान दिया।
ट्रंप ने ट्वीट किया, "मैं रूस के साथ (खुले तौर पर व्हाइट हाउस की निर्धारित बैठक में) आतंकवाद, एयरलाइन उड़ान सुरक्षा, मानवीय कारणों से संबंधित जानकारी साझा करना चाहता हूं, जिसका कि मुझे पूरा अधिकार है। इसके साथ ही मैं चाहता हूं कि रूस आईएसआईएस व आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करे।"
वाशिंगटन पोस्ट ने सोमवार को अपनी रपट में कहा कि राष्ट्रपति ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और राजदूत सर्गेई किसलियक के साथ बैठक में अमेरिकी सहयोगी से खुफिया जानकारी साझा की थी।
पोस्ट ने अनाम अधिकारियों का हवाला देकर यह भी कहा कि ट्रंप बैठक के दौरान एजेंडे से हट गए और इस्लामिक स्टेट समूह की आंतकी धमकी के बारे में बाते करने लगे, जो उड़ान के दौरान लैपटॉप कंप्यूटर के इस्तेमाल से जुड़ी थीं। उन्होंने इसका खुलासा किया कि यह जानकारी किस शहर से इकट्ठा की गई थी।
ट्रंप प्रशासन ने तुरंत इस दावे को 'झूठा' कहकर खारिज कर दिया।
ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच. आर. मैकमास्टर ने सोमवार को कहा, "मैं कमरे में था, ऐसा नहीं हुआ।"
मैकमास्टर ने कहा, "किसी भी समय खुफिया स्रोत या तरीकों पर चर्चा नहीं हुई थी और राष्ट्रपति ने किसी भी सैन्य अभियान का खुलासा नहीं किया, जो कि पहले से सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं है।"
हालांकि, ट्रंप ने मंगलवार को ट्विटर पर अपने कार्रवाई का बचाव किया, जिसमें इनकार का खंडन दिख रहा था कि उन्होंने (ट्रंप) रूसी अधिकारियों से खुफिया जानकारी साझा की।
--आईएएनएस