ए्थेंस 21 सितंबर (वीएनआई) ग्रीस में कल (रविवार) को हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री एलेक्सीस सिप्रास की धुर वामपंथी सिरीज़ा पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. हालांकि अपनी जीत की उम्मीद जताते हुए सिप्रास ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि संकट का सामना कर रही ग्रीस (यूनान) की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने को लेकर सुधार करने के लिए एक 'संघर्षशील सरकार' बनाने के वास्ते वह दूसरा जनादेश पाने को लेकर आश्वस्त हैं।
सिरीज़ा पार्टी को कंज़र्वेटिव न्यू डेमोक्रेसी पार्टी के 28 फ़ीसदी के मुक़ाबले 35 फ़ीसदी से कहीं अधिक मत हासिल हुए हैं. धुर दक्षिणपंथी गोल्डन डाउन पार्टी 7.1 फ़ीसदी वोटों के साथ तीसरी बड़ी पार्टी है. अबतक क़रीब 60 फ़ीसद मतों की गिनती हुई है.ग्रीस के आम चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के बाद देश के पांच मुख्य टीवी चैनलों ने संयुक्त एक्जिट पोल जारी किया था, जिसमें सिप्रास की प्रतिद्वंद्वी सीरिजा पार्टी की 30-34 प्रतिशत जीत की उम्मीद जताई गयी गई थी और वैंगेलिस मीमाराकिस के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव न्यू डेमोक्रेसी पार्टी की जीत की संभावना 28-32.5 प्रतिशत दिखाई गई थी। न्यू डेमोक्रेसी के नेता वांगेलिस मीमराकिस ने अपनी हार स्वीकार ली है.
सिरीज़ा पार्टी के एलेक्सीस सिप्रास को उनके प्रतिद्वंद्वी और विपक्षी कंज़र्वेटिव न्यू डेमोक्रेसी पार्टी के ख़िलाफ़ कड़े मुक़ाबले में दूसरी बार जनादेश हासिल हुआ है. यूं भी यह चुनाव संकटग्रस्त देश के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
एलेक्सीस सिप्रास ने कहा है कि अब देश के लिए प्राथमिकता नई सरकार का गठन है. हालांकि सिरीज़ा पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. लेकिन इंडिपेंडेंट ग्रीक पार्टी ने उनके गठबंधन में शामिल होने पर सहमति जताई है.सनद रहे कि इस साल ये दूसरा मौक़ा है, जब क़र्ज़ संकट में घिरे ग्रीस के लोगों ने आम चुनाव में हिस्सा लिया.
इस बार ्के मदतान में 55 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया था. जबकि इस साल जनवरी में हुए मतदान में 63 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था.
गौरतलब है कि ग्रीस गहरे वित्तीय संकट का सामना कर रहा है और सिरीज़ा पार्टी के नेता एलेक्सिस सिप्रास पर तीसरे राहत पैकेज के लिए यूरोपीय क़र्ज़दाताओं की कड़ी शर्तों पर समझौता करने के कारण दबाव था. उन्हें वामपंथी विचारधारा वाली सिरीज़ा पार्टी में अंतर्विरोध का सामना कर पड़ा, इसके बाद ही एलेक्सिस सिप्रास ने 20 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर कहा था कि जल्द ही मध्यावधि चुनाव कराए जाएंगे.