टोक्यो, 1 सितंबर (शोभना जैन, वी एन आई)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जापान मे खुशनुमा माहौल मे वहा के प्रधानमंत्री शिंजे आबे के साथ \"चाय पर चर्चा \" की, चाय की चुस्कियो के साथ रिश्ते और प्रगाढ बनाने की बाते की. सदियों पुरानी जापानी परंपरा के तहत श्री मोदी को विशेष सम्मान देने के लिए यहां असाका राजमहल में प्रधानमंत्री आबे ने चाय की बैठक सजाई ,और खुद मेजबान की भूमिका में चाय परोसी, दरअसल जापान मे किसी अ्तिथी को चाय पर आमंत्रित करना सिर्फ उसे चाय पर बुला कर सम्मान प्रदर्शित करना ही नही बल्कि एक ऐसा अध्यात्मिक अनुभव माना जाता है जो सौहार्द सम्मान और शान्ति का प्रतीक है.
श्री मोदी की जापान यात्रा के तीसरे दिन आज यहा के ऐतिहासिक असाका पैलेस मेंश्री मोदी के सम्मान में श्री शिंजो ने ‘ चनोयू’ यानि परंपरागत रूप से चाय समारोह का का आयोजन किया। जापानी परंपरा के अनुसार इसमें मेजबान विशिष्ट अतिथि के साथ बज्रासन की मुद्रा में जमीन पर बैठ कर चाय का लुत्फ लेते है हैं। परंपरागत स्वागत के बाद चाय समारोह के लिये बने विशेष कक्ष मे विशिष्ट जापानी अंदाज मे श्री मोदी ने श्री आबे के साथ इसी मुद्रा मे बैठ कर चाय पी. बाद मे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरूद्दीन ने एक ट्वीट कर इस चाय समारोह ्को\" एक विशेष अभिव्यक्ति \" बताते हुए लिखा \"चाय की खुशनुमा चुस्कियों के बीच मज़बूत होती दोस्ती \"
जापान मे चाय समारोह सिर्फ चाय पीना ही पिलाना ही नही नही बल्कि विधिवत सम्पन्न एक समारोह होता है. औपचारिक चाय समारोह को \"चाजी\" कहा जाता है जिसमे अतिथी परंपरागत विशेष तरीके से मेज़बान के घर मे प्रवेश करता है और चाय पीने से पहले अपने हाथ और मुँह पत्थर से बने वाश बेसिन मे \'सुकु बाय\' मे धोते है, चाय बनाने वाले बर्तनो को को खास विधि से शुद्ध किया जाता है. जापान मे चाय समारोह दरअसल एक कला, सांस्कृतिक गतिविधि माना जाता है जिसे सीखने के लिये लोग विशेष कक्षायों मे जातें है अनेक जापानियों का कहना है कि यह ताउम्र सीखने की कला है जिसमे पारंगत होना एक चुनौती है.उनका कहना है कि दरसल चाय बनाना और परोसना बेहद करीने व सलीके की कला है ,अक्सर अनौपचारिक समारोहो मे अतिथियों को चाय पिलाने से पहले वगाशी या मिठाई परोसी जाती है ,उसके बाद व्यंजनों के तीन दौर चलते हैं और अन्त मे चाय पीने का विधिवत समारोह होता है.जापान मे चाय को \'चा\' बोला जाता है और सम्मान स्वरूप \'ओचा\' कहा जाता है. दुनिया भर मे चाय सर्वाधिक लोकप्रिय पेय है लेकिन जापान मे बसे एक भारतीय के अनुसार \'जितना सम्मानित दर्ज़ा जापान मे चाय को मिला है उतना दुनिया भर मे कहीं नही है ,चाय बनाने तथा पीने तक के लिये वे अलग कक्ष रखते हैं उसे चा-सेकी कहते है\".
समारोह मे पारंपरिक चित्रकारी वाले जापानी \'बोल\' में सभी ने चाय पीने को दी जाती है। एक भारतीय के अनुसार\' चाय वैसे भी मोदी जी के दिल के बहुत करीब है और जापानी भी चाय कला के लिये जाने जाते है ऐसे मे जापान मे मोदी की चाय पर चर्चा स्वाभाविक सी बात थी. इस बातचीत के बाद दोनो नेताओ के बी्च बहुचर्चित वार्षिक शिखर बैठक शुरू हो गयी.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने एक अन्य ट्वीट मे श्री अकबरुद्दीन ने कहा कि\" भारत जापान संबंधो मे यह नये अध्याय का सवेरा है इन रिश्तो का केवल क्षेत्रीय स्वरूप ही नही है इनका प्रभाव विश्वव्यापी है\" .वी एन आई