नयी दिल्ली,30 दिसंबर(अनुपमाजैन/वीएनआई) दिल्ली-एनसीआर में कल से डीजल टैक्सियां नहीं चलेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसले मे दिल्ली में ऑड-इवन फामॅूले के पूरा होने पर प्रदूषण की स्थिति का आकलन करने के दौरान उच्चतम न्यायालयने कल से यहा डीजल टैक्सियां नहीं चलने का आदेश दिया. उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में ही इस आशय का अदेश दिया था, लेकिन टैक्सी ऑपरेटरों के आग्रह पर इस तारीख को दो बार शीर्ष अदालत ने बढ़ाया था. अॉपरेटरों को फरवरी तक गाडियो मे सी एन जी लगा लेने को कहा गया था, पुन: उन्हें आज 30 अप्रैल तक समय दिया गया था.दिल्ली के प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए मुख्य सुप्रीम कोर्ट के स्पेशल बेंच ने साफ कर दिया कि वो प्राइवेट डीजल टैक्सियों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए समय सीमा का विस्तार नहीं करेगा. इससे अब दिल्ली-एनसीआर में ्कल से डीजल की टैक्सियां नहीं चल पाएंगी.
टैक्सी ऑपरेटरों के वकील ने आज अदालत में उनका पक्ष रखते हुए कहा कि इस फैसले से उनके लिये रोजगार का संकट उत्पन्न हो जायेगा और उनके पास तुरंत वैकल्पिक उपाय नहीं हैं. इस पर अदालत ने कहा कि आप बार-बार यही कहते हैं. अगर सीएनजी टैक्सियां नहीं हैं तो उनकी खरीद कीजिए. हालांकि शीर्ष अदालत ने ऑल इंडिया परमिट वाली गाड़ियों को छूट दी है.
डीजल टैक्सियों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए समय सीमा आज खत्म हो रही है. टैक्सी मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी कि मार्केट में डीजल कारों को सीएनजी में बदलने की कोई तकनीक नहीं है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टैक्सी मालिका से कहा कि आपको काफी समय दिया जा चुका है. अब तक आपको इसके विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए था. अब हम सुनवाई के लिए आपको और अधिक समय नहीं दे सकते. एक मोटे अनुमान से लगभग 70 हजार डीजल टैक्सियां हैं. अखिल भारतीय पर्यटक परमिट की करों को छूट दी गई है. रेडियो टैक्सी की तरह शहर के परमिट वाली टैक्सियों को छूट है. जबकि ओला और उबेर को अपनी टैक्सियां सीएनजी में बदलवानी होंगी.वीएनआई