केजरीवाल का माफीनामा, विपक्ष को मंजूर नहीं

By Shobhna Jain | Posted on 24th Apr 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली, 24 अप्रैल, (वीएनआई) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दो दिन पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान गजेन्द्र की आत्महत्या के मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए माफ़ी मांगी है और कहा है इसकी पूरी जाँच हो, जो भी दोषी है उनको सजा मिलनी चाहिए। गौरतलब है की 22 अप्रैल को दिल्ली के जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली में राजस्थान के दौसा से आये किसान गजेन्द्र ने अपने गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या की कोसिस की, जिसको बाद में पास के राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया और वंहा डॉक्टरों ने कुछ ही देर बाद उसके मौत की पुष्टि कर दी थी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 22 अप्रैल को घटी इस घटना पर दो दिन की चुप्पी के बाद आज कहा की मैं एक घंटे का भाषण देने वाला था, लेकिन मैंने इसे 10-15 मिनट में खत्म कर दिया। मुझे लगता है कि वह मेरी गलती थी। संभवत: मुझे भाषण देना ही नहीं चाहिए था। साथ ही उन्होंने कहा की मेरे सामने यह पहली बार घटना घटी और मैं इसे पचा नहीं पा रहा हूँ और उस रात मुझे नीद नहीं आई। आगे उन्होंने कहा की अगर मेरे भाषण से किसी की सवेंदना आहत हुई है तो मैं माफ़ी मांगता हूँ। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा की उस किसान ने जिस पेड़ से आत्महत्या की वो मंच से थोड़ा दूर था, मंच से कुछ भी साफ नहीं दिखाई दे रहा था, लेकिन फिर भी हम मंच से उसे लगता उतरने की अपील करते रहे। केजरीवाल ने मिडिया पर भी आरोप लगते हुए कहा कि आप लोग इस मुद्दे को लेकर टीआरपी बड़ा रहे है इसकी चीरफाड़ करना बंद करे, टीआरपी से किसानो का भला नहीं हो रहा है। केजरीवाल ने पुलिस के बारे में बताते हुए कहा कि 80 फीसदी पुलिस वालो में दया होती है सभी पुलिसवाले ख़राब नहीं होते, अगर उन्हें सच में पता होता कि ऐसा होने वाला है तो कोई ना कोई उतार लेता। मुख्य मंत्री केजरीवाल ने आगे कहा कि किसानो कि आत्महत्या बड़ा मुद्दा है, इस मुद्दे पर पार्टीबाजी नहीं करनी चाहिए। सारे देश को मिलकर किसानो की आत्महत्या का समाधान ढूंढना चाहिए। केजरीवाल ने कहा की मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूँ हमें किसानों के मुख्य मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और राजनीति बंद करनी चाहिए। जो भी कसूरवार हैं उसे फांसी दे दीजिए। लेकिन बहस का मुद्दा यही होना चाहिए कि किसान फांसी क्यों लगा रहे हैं। हमारा मकसद किसानो की आत्महतय रोकना है, उसको पूरा मुआवजा मिलना चाहिए। वंही इस माफ़ी पर विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है : - किरन बेदी ने ट्वीट कर के कहा की \"क्या एक माफ़ी ही काफी है लगातार व्यवधान + विशाल सार्वजानिक असुविधा + मौत के कारण के लिए स्क्रिप्ट ? गलत हो गया ? भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, \"माफी काफी नहीं है। आप किसानों को अपने दफ्तर की सजावटी वस्तु और तमाशा नहीं बना सकते। आत्महत्या के मामले को नाटकीय नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि किसी रैली में आत्महत्या का मामला पहले कभी सामने नहीं आया। उन्होंने कहा, \"मुख्यमंत्री अब माफी मांग रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।\" भाजपा की दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा, \"बयानबाजी खत्म होनी चाहिए और जो लोग भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कौन-सा संशोधन किसान विरोधी है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, \"यह एक नियोजित रणनीति है, किसी स्पष्टीकरण का मुद्दा नहीं है। क्या आपके कर्मो की सजा किसान भुगतेंगे।\" कांग्रेस वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, \"दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से आई सफाई नाकाफी है। जो कुछ भी उन्होंने किया वह नहीं होना चाहिए था।\" बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा, \"केजरीवाल से बस इतना कहना चाहती हूं कि माफी से किसान (गजेंद्र) वापस नहीं आएगा।\"

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