नई दिल्ली 25 अगस्त (अनुपमा जैन वीएनआई) आरक्षण की मांग को लेकर हार्दिक पटेल आज से अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड पर अनशन पर बैठ गए। उन्होने कहा कि ‘जब तक सीएम आनंदीबेन पटेल यहां आकर ज्ञापन नहीं लेतीं, तब तक यहीं अनशन होगा।’ इससे पहले पटेल ने इसी ग्राउंड में रैली की, कहा जा रहा है कि इसमें करीब 5 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। रैली में हार्दिक ने सरदार पटेल की मूर्ति के बहाने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राज्य की भाजपा सरकार को भी चुनौती दे डाली। उन्होने मोदी पर निशााना साधते हुए कहा कि लोग सरदार पटेल की बड़ी मूर्ति बनवाकर राजनीति कर रहे हैं, "सरदार पटेल अगर देश के पहले पीएम बनते तो हालात कुछ और होते। पटेल की बड़ी मूर्ति लगाकर लोग राजनीति कर रहे हैं। हम 'सबका साथ, सबका विकास' के साथ हैं। इसलिए बराबरी चाहते हैं। सरकार मिलने बुला रही है। आप बताइए कि क्या मिलने जाएं?"
हार्दिक पटेल ने कहा कि उन्होने मोदी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना सीखा, केजरीवाल से आंदोलन की स्टाइल सीखी और वे इससे भी बड़ा कुछ करेंगे, उनके अनुसार उनका आंदोलन केजरीवाल के आंदोलन से भी बड़ा होगा। हार्दिक ने हुनौती देते हुए कहा कि ,''1998 में हमने कांग्रेस को उखाड़ फेंका था। अब 2017 आने वाला है। चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा, उसे उखाड़ फेंकेंगे। साफ है कि 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं। अपने हैं, इसलिए प्यार से हक मांगने निकले हैं। नहीं तो आवाज ओबामा तक पहुंचनी चाहिए। गुजरात में हम सिर्फ एक करोड़ 20 लाख हैं। लेकिन हिंदुस्तान में हमारी तादाद 50 करोड़ है। हम 25 अगस्त को क्रांति दिवस बना देंगे।'
गौरतलब है कि पिछले 40 दिनों से गुजरात में आंदोलन और विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे केवल 22 साल की उम्र वाले हार्दिक पटेल अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव में रहने वाले हैंं वे अहमदाबाद के सहजानंद कॉलेज से कॉमर्स ग्रैजुएट हैं, हालांकि हार्दिक को दो महीने पहले तक कोई नहीं जानता था लेकिन आज उन्होने गुजरात सरकार की नींद उड़ा रखी है सोशल मीडिया, यहां तक की आज देश की गली गलीमे वे चर्चा का विषय बने हुए हैं, हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कोऑर्डिनेटर हैं इस समिति की अब तक 70 रैलियां हो चुकीं है पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात में ही पाटीदार या पटेल समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है। हार्दिक ने साल 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था उनके पिता भरतभाई पटेल भाजपा कार्यकर्ता हैं
अभी हार्दिक पटेल की अगुआई में चल रहा ये आंदोलन यूं तो काफी समय से चला आ रहा है जिसमे पटेल समुदाय आरक्षण और ओबीसी कैटेगरी में शामिल कराना चाहते हैं, ताकि कॉलेजों और नौकरियों में काेटा मिल सके। राज्य में अभी ओबीसी रिजर्वेशन 27 प्रतिशत है। आेबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से दर्ज़ है। पटेल-पाटीदार समुदाय खुद को 146वीं कम्युनिटी के रूप में ओबीसी की फेहरिस्त मे दर्ज़ कराना चाहता है।
सनद रहे कि राज्य के 120 भाजपा सांसदों में से 40 सांसद इसी कम्युनिटी से आते हैं।
गौरतलब है कि आज से 30 साल पहले इसी आंदोलन के कारण गुजरात की तत्कालीन सरकार को घुटने टेकने पड़े थे है , फरवरी 1985 के विधानसभा चुनाव में 148 सीटों के बहुमत के बावजूद पटेल समुदाय के सड़क पर उतर आने के कारण मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी को इस्तीफ़ा देना पड़ा था. पर अब इस आंदोलन की कमान अब नई पीढ़ी के हार्दिक पटेल की हाथों में है और हार्दिक पटेल के कंधे से कंधा मिलाते हुए इस संघर्ष में 10 लाख से भी अधिक लोग सड़कों पर उतर चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि गुजरात की कुल आबादी 6 करोड़ 27 लाख है। इसमें पटेल-पाटीदार लोगों की संख्या 20 फीसदी है यानि पांचवां हिस्सा है.