चेन्नै, 14 अगस्त, (वीएनआई) डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा है कि अगर उनके पिता और पार्टी अध्यक्ष एम करुणानिधि को मरीना बीच पर ना दफनाया गया होता तो वह मर ही जाते।
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की मौत के बाद उनको श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित पार्टी की एग्जिक्यूटिव मीटिंग में स्टालिन ने अपने पिता की मौत के कुछ घंटों पहले ही तमिलनाडु के सीएम ई के पलनिसामी से अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया। डीएमके की एग्जिक्यूटिव कमिटी की मीटिंग में नेताओं ने प्रस्ताव पास करके करुणानिधि को श्रद्धांजिल दी। वरिष्ठ नेताओं ने अपने और करुणानिधि के बारे में किस्से सुनाए। जिन नेताओं के यहां पर संबोधित किया उन्होंने अपनी राय रखी कि स्टालिन ही भविष्य में पार्टी का नेतृत्व करें।
स्टालिन ने कहा, 'डॉक्टर्स ने हमें बता दिया था कि करुणानिधि अब कुछ घंटे ही जिंदा रहेंगे। हम यही सोच रहे थे कि मरीना बीच पर जगह के लिए सरकार से कैसे बात की जाए। वरिष्ठ नेताओं ने मुझसे कहा कि मैं मुख्यमंत्री पलनिसामी से न मिलूं और पार्टी नेताओं को उनसे मिलने दूं लेकिन मैंने आत्मसम्मान को एक तरफ तरफ रखा और मुख्यमंत्री से मिलने उनके घर पहुंचा। स्टालिन ने आगे बताया, मैंने पलनिसामी का हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि के लिए मरीना बीच पर जगह मांगी। उन्होंने कहा कि कानून इस बात की इजाजत नहीं देता और कानूनी राय भी इसके खिलाफ है। मैंने उनको बताया कि कानूनी राय को बदला भी जा सकता है। मैं उनके घर से निकलने वाला था, तभी उन्होंने कहा कि वह इस बारे में देखेंगे।' स्टालिन ने बताया कि करुणानिधि की मौत के बाद डीएमके के वरिष्ठ नेता फिर से सीएम के पास गए लेकिन उन्होंने मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया। स्टालिन ने कहा, 'ऐसे में ऐडवोकेट विल्सन ने मुझसे हाई कोर्ट जाने की अनुमति मांगी। अगर करुणानिधि को दफनाने की जगह मिलने का क्रेडिट मैं किसी को देना चाहूंगा तो वह ऐडवोकेट विल्सन की टीम है।'
No comments found. Be a first comment here!