पटना, 14 मई (वीएनआई)| जद-यू ने आज राजद को अल्पसंख्यकों को छलने वाला करार देते हुए कहा कि विपक्षी दल को राजनीति में हिस्सेदारी को लेकर अल्पसंख्यकों से इतनी नफरत क्यों है?
जद-यू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा, बिहार विधान परिषद में अपरिहार्य सीट नहीं होने के बावजूद राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को विपक्ष के नेता के तौर पर मान्यता दी है। सवाल यह है कि पहले से ही राबड़ी देवी को पूर्व मुख्यमंत्री की सुविधा मिल रही है और अब उन्हें विपक्ष के नेता के तौर पर भी सुविधा दी जाएगी। उन्होंने राबड़ी पर तंज कसते हुए कहा, बिहार विधान परिषद में राजद के सदस्यों में कहीं ज्यादा तालीम प्राप्त किए योग्य लोग हैं लेकिन विपक्ष के नेता के रूप में राबड़ी देवी जी का ही नाम भेजा गया। जद (यू) नेता ने कहा कि राजद पार्टी एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। जब भी पद पाने या सुविधा पाने का मौका मिलता है, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का परिवार उस मौके को लपक लेता है। राजद जब सत्ता में पहुंची और उपमुख्यमंत्री बनने का मौका मिला तो लालू के बेटे तेजस्वी प्रसाद सामने आ गए और आज वही विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता भी हैं।
राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राजद में मुस्लिम समाज से आने वाले सिद्दीकी को राजद बार बार हाशिये पर रखता रहा है। राजद के सत्ता में आने के समय सिद्दीकी को न केवल ऐसे विभाग का मंत्री बनाया गया जो अपेक्षाकृत कमजोर विभाग माना जाता है, बल्कि उन्हें पांचवें नंबर पर शपथ भी दिलवाई गई थी। उन्होंने कहा कि राजद के नेताओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सिखना चाहिए कि अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले हारूण राशीद उच्च सदन के कार्यकारी सभापति पद पर लंबे समय से बने हुए हैं। उन्होंने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीति में अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी नहीं देंगे, 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद कब्रिस्तानों की घेराबंदी नहीं करवाएंगे, मदरसा खोलने पर रोक लगा देंगे, अल्पसख्यक छात्रों के शैक्षणिक उन्न्यन के लिए वजीफा नहीं देंगे, लेकिन अल्पसंख्यक प्रेम का नाटक करेंगे। ऐसे में लालू की राजद पार्टी छद्म अल्पसंख्यक प्रेम का पर्याय बन गई है।
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