समाजवादी पार्टी में जारी संकट के बीच आज मुलायम और अखिलेश की अहम बैठकें -सबकी निगाहे अब इस बात पर कि संख्या बल किसके साथ

By Shobhna Jain | Posted on 31st Dec 2016 | राजनीति
altimg
लखनऊ, 31 दिसम्बर (वीएनआई)| उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में जारी अंदुरुनी कलह के बीच पार्टी के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है। एक तरफ जहाँ सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को शुक्रवार शाम पार्टी से निकाले जाने के बाद आज घोषित प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आज समर्थक विधायकों के साथ मंथन करेंगे। ऐसे में विधायकों और मंत्रियों के सामने इस बात की चुनौती है कि वह अखिलेश से वफादारी निभाएं या मुलायम का साथ दें।इसी बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार अखिलेश का पलड़ा फिलहाल भारी लग रहा है और पार्टी के बहुसंख्यक उनके साथ लगते है. अखिलेश की बैठक मे भारी तादाद मे विधायक मौजूद है, जिसमे १८९ विधायक और ३० एम एल सी मौजूद है सपा के लखनऊ स्थित कार्यालय में होने वाली इस बैठक में मुलायम सिंह यादव विधायकों के सामने यह प्रस्ताव रख सकते हैं कि अखिलेश यादव की जगह किसी दूसरे नेता को विधायक दल का नेता चुना जाए। इस बैठक से साफ हो जाएगा कि कितने विधायक मुलायम सिंह यादव के साथ हैं और कितने मुख्यमंत्री अखिलेश खेमे में हैं। लखनऊ के राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा है कि अखिलेश यादव आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि उनके समर्थक विधायक और नेता पार्टी से इस्तीफा देते हैं या नही। इस बीच, समाजवादी पार्टी से निष्कासित होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कुर्सी कांग्रेस की मदद से ही बचना संभव है। शक्ति प्रदर्शन की स्थिति में अखिलेश को रालोद का साथ भी मिल सकता है।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गुरुवार को जारी 235 प्रत्याशियों की सूची में 171 सपा विधायक भी शामिल थे। माना जा रहा है कि इसमें से अधिकतर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बचाने के लिए आगे आ जाएंगे। मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाए रखने के लिए 202 विधायकों के समर्थन का आंकड़ा पूरा करना जरूरी है। ऐसी स्थिति आने पर अखिलेश को कांग्रेस और रालोद से मदद की दरकार होगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के कुल 29 विधायकों में से 19 ही पार्टी में बने हुए हैं जबकि दो समाजवादी पार्टी में पहले ही शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस से मदद की उम्मीद अखिलेश के बयानों से भी नजर आती है। अखिलेश लगातार कांग्रेस से गठबंधन होने पर 300 सीट आने का दावा करते रहे हैं। वहीं कांग्रेस भी प्रदेश सरकार को लेकर नरम रुख अपनाए हुए है और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले है। इस मुद्दे पर कांग्रेस विधानमंडल नेता प्रदीप माथुर किसी भी टिप्पणी से इनकार करते हुए कहते हैं कि राष्ट्रीय नेतृत्व ही इस पर कोई फैसला लेगा। वहीं, रालोद के कुल आठ विधायकों में से पूरन प्रकाश भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में अन्य सात विधायकों का साथ भी अखिलेश को मिल सकता है। रालोद का रवैया भी अखिलेश यादव को लेकर कांग्रेस जैसा ही है। रालोद के महासचिव जयंत चौधरी और मुख्यमंत्री अखिलेश की नजदीकियां भी किससे छिपी नहीं हैं। गत राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव में रालोद का समर्थन सपा को मिल भी चुका है।

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Quote of the Day
Posted on 14th Nov 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india