नई दिल्ली, 09 जुलाई, (वीएनआई) सर्वोच्च न्यायलय ने 2012 के निर्भया गैंगरेप मामले में चार में से तीन दोषियों की दायर पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज कर दिया है। न्यायलय ने तीनों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा गया है। न्यायलय में निर्भया का परिवार भी मौजूद था।
मुख्य न्यायधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। मौत की सजा पाए चौथे आरोपी अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर नहीं की थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई 2017 को निर्भया केस में चारों दोषी मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा था कि पीड़िता ने अंतिम समय में जो बयान दिया वह बेहद अहम और पुख्ता साक्ष्य हैं।
गौरतलब है 2012 में निर्भया के साथ दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और गंभीर चोट पहुंचाने के बाद सड़क पर फेंक दिया था। इसके बाद देशभर में रेप जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ आवाजें बुलंद होने लगी थी।
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