शिमला, 17 नवंबर, (वीएनआई) प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिमला में 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का उद्घाटन किया।
दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन की शुरुआत आज प्रधानमंत्री मोदी ने की लेकिन इसका समापन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर करेंगे। वहीं इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत सीएम योगी आदित्यनाथ और कई राज्यों के मंत्री भी ऑनलाइन जुड़े। गौरतलब है पीठासी अधिकारियों का पहला सम्मेलन साल 1921 में शिमला में आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ये सम्मेलन हर साल कुछ नए विमर्शों और नए संकल्पों के साथ होती है। हर साल इस मंथन से कुछ न कुछ अमृत निकलता है... आज इस परंपरा को 100 साल हो रहे हैं ये भारत के लोकतांत्रिक विस्तार का प्रतिक है। भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है। लोकतंत्र भारत की प्रकृति और इसकी स्वाभाविक प्रवृत्ति है। हमें आने वाले वर्षों में, देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है, असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं। ये संकल्प 'सबके प्रयास' से ही पूरे होंगे और लोकतन्त्र में, भारत की संघीय व्यवस्था में जब हम 'सबका प्रयास' की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा मारा देश विविधताओं से भरा है। अपनी हजारों वर्ष की विकास यात्रा में हम इस बात को अंगीकृत कर चुके हैं कि विविधता के बीच भी, एकता की भव्य और दिव्य अखंड धारा बहती है। एकता की यही अखंड धारा, हमारी विविधता को संजोती है, उसका संरक्षण करती है। मेरा एक विचार 'वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म' का है। एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को जरूरी तकनीकी बढ़ावा दे, बल्कि देश की सभी लोकतान्त्रिक इकाइयों को जोड़ने का भी काम करे।