महाबलीपुरम, 12 अक्टूबर, (वीएनआई) भारत दौरे पर आये चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी पहले दिन डिनर पर ही करीब ढाई घंटे तक चर्चा की। दोनों नेताओं ने लंबी बातचीत के दौरान आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ साझा अभियान चलाने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच मीटिंग में व्यापार और निवेश में इजाफे के साथ ही आतंकवाद और कट्टरता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिन पर आमतौर पर चीन स्पष्ट राय रखने से बचता रहा है। वहीँ इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु की पारपंरिक वेशभूषा ‘वेष्टि’ में शी जिनपिंग का स्वागत किया, और उनको को प्राचीन शहर महाबलीपुरम की विश्व प्रसिद्ध धरोहरों अर्जुन तपस्या स्मारक, नवनीत पिंड, पंच रथ और शोर मंदिर के दर्शन कराए।
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति के दूसरे अनौपचारिक दौरे के पहले दिन दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग ने राष्ट्रीय मुद्दों और सरकारों की प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के साथ ही आतंकवाद पर भी गहन वार्ता की। गोखले ने बताया कि दोनों देशों के समक्ष पेश आतंकवाद की चुनौती को लेकर चर्चा हुई और प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, 'दोनों ने यह माना कि चीन और भारत विविधता वाले देश हैं। दोनों बड़े देश हैं और कट्टरता को एक बड़ी चुनौती के तौर पर सामने है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करन की बात कही ताकि बहुलतावादी संस्कृति और सभी धर्मों की साझा विरासत को कट्टरता के संकट से निकाला जा सके।'
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