अब मुर्दाघर नही, बन गये है मुर्दो के होटल !

By Shobhna Jain | Posted on 3rd Jul 2017 | देश
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्टोक्यो,३ जुलाई(वी एन आई) बुजुर्गो की तेजी से बढती तादाद और मुर्दो के होटल...जी सही सुना आपने जिस तरह से जापान मे औसत आयु बढ रही है,और बढ रही है बुजुर्ग की संख्या ,साथ ही बढ रही है मरने वाले बुजुर्गो की संख्या और कम पड़ती जा रही है शमशान गृहो मे अंतेयेष्टि स्थलो की संख्या, ऐसे मे एक राह निकाली गई है मुर्दो के होटल जहा जब तक शमसान गृहो मे अंतेयेष्टी के लिये समय नही मिलता है इन शवो को मुर्दो के होटलो मे रखा जाता है. जापानी भाषा मे 'ईताई होतेरु' यानि मुर्दो के होटल मे छोटे छोटे कमरे बनाये गये है जहा ताबूत रखे जाते है और साथ ही वहा अंतिम समय के विधान के लिये फूल् अगर बत्तियो आदि रखने के पात्र होते है.कई ताबूत ऐसे भी है जहा से प्रियजन शीशे के ्ताबूत मे अपने प्रिय के शव के दर्शन भी कर सकते है. जानकारो के अनुसार दरसल पंरपरागत जापानी परिवारो मे अंतेयेष्टि की क्रिया काफी व्यापक और मंहगी भी होती है लेकिन मुर्दो के होटल के सुविधा अपेक्षा कृत सस्ते भी पड़ते है. ऑंकड़ो के अनुसार एक शानो शौकत से होने वाली जापानी अंतेयष्टि क्रिया मे जहा लगभग १८,००० डॉलर खर्च होते है वही जापान के मुर्दा होटलो मे मुर्दो के रखने का खर्च मात्र लगभग २,००० डॉलर ही है.पिछले साल जापान मे १३ लाख लोग मरे जबकि १५ वर्ष पहले यह संख्या ३५ प्रतिशत कम् थी. वर्ष २०४० तक यह संख्या १७ लाख होने की आशंका है,सरकारे ऑंकड़ो के अनुसार पिछले वर्षे जापाने मे मरने वाली महिला बुजुर्गो मे३७ प्रतिशत ९० साल से उपर थे वैसे जापान मे ऐसे लोगोके संख्यी तेजी से बढ रही है जो विवाह नही करते है ऐसे मे ऐसे लोगो के परिजनो के लिये मुर्दो के होटल एक सुविधाजनक विकल्प है.
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