नई दिल्ली 30 अप्रैल (वीएनआई)गर्मी के मौसम में गर्मी से राहत देने वाले फलों में बेल का फल किसी सौगात से कम नहीं है |बेल एक ऐसा पेड़ है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल सेहत बनाने और सौंदर्य निखारने के लिए किया जा सकता है. इसका फल बेहद कठोर होता है लेकिन अंदर का हिस्सा मुलायम, गूदेदार और बीजों से युक्त होता है. बेल में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है
गर्मियों में लू लगने पर इस फल का शर्बत पीने से शीघ्र आराम मिलता है तथा तपते शरीर की गर्मी भी दूर होती है। लू लगने पर बेल के ताजे पत्तों को पीसकर मेहंदी की तरह पैर के तलुओं में भली प्रकार मलें। इसके अलावा सिर, हाथ, छाती पर भी इसकी मालिश करें।
पेट के रिगं के लिये में बेल का फल रामबाण दवा है। वैसे भी अधिकांश रोगों की जड़ पेट के रोग ही है। बेल के फल के नियमित सेवन से कब्ज जड़ से समाप्त हो जाती है।गैस, कब्ज के रोगियों को इसके शर्बत का नियमित सेवन करना चाहिए। बेल का पका हुआ फल उदर की स्वच्छता के अलावा आँतों को साफ कर उन्हें ताकत देता है।गैस, कब्ज की समस्या में बेल का रस बहुत राहत प्रदान करता है, आयुर्वेद में बेल के रस को दस्त और डायरिया में बहुत फायदेमंद माना गया है. आप चाहें तो इसे गुड़ या चीनी के साथ मिलाकर पी सकते हैं.
बेल से कफ व वात को भी खत्म किया जा सकता है। अतिसार, शुगर, खून की कमी, सफेद पानी की परेशानी और पीरियड्स में होने वाली एक्ट्रा ब्लीडिंग को कम करने में मदद करता है।
बेल का रस दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव में सहायक है , बेल के रस मे कुछ बूंदें घी की मिला दीजिए. इस पेय को हर रोज एक निश्चित मात्रा में लें. इसके नियमित सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है. ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होता है. बेल का रस कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में भी मददगार होता है.
बेल के रस में कुछ मात्रा गुनगुने पानी की मिला लें. इसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद डालें. इस पेय के नियमित सेवन से खून साफ हो जाता है.