नई दिल्ली, 2 जनवरी (वीएनआई)| देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आजकहा कि जाति, समुदाय, धर्म और भाषा के आधार पर वोट मांगना अवैध है।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने जन प्रतिनिध अधिनियम की धारा 123(3) के आधार पर तीन के मुकाबले चार मतों से यह आदेश दिया। असहमति जताने वालों में न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित रहे।