सुबह उठते ही पीजिये ढेर सा पानी, रहिये स्वास्थय, बचिये बीमारियो से

By Shobhna Jain | Posted on 25th Sep 2016 | देश
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नई दिल्ली,25 सितंबर (वीएनआई)सुबह उठते बेड टी...कतई नही. सुबह उठते ही पानी पीने की आदत डाले. मॉ, नानी, दादी शुरू से ही सुबह उठते ही ढेर सा पानी पीने पर जोर देती रही, लेकिन जैसे जैसे हम बड़े होते गये बेड टी हमे लुभाने लगी. सुबह खाली पेट पानी पीने का महत्‍व तो यूं ही बहुत ज्‍यादा होता है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक चिकित्‍सा पद्धतियां खाली पेट पानी पीने को जरूरी मानती हैं। बिस्‍तर से उठने के बाद आपको कम से कम चार गिलास यानी लगभग 1 लीटर पानी पीना चाहिये। इससे आपकी पाचन क्रिया तो दुरुस्‍त रहती ही है, साथ ही आप कई अन्‍य बीमारियों से भी बचे रहते हैं। रोज सुबह खाली पेट पानी पीने की प्रक्रिया 'वॉटर थेरेपी ट्रीटमेंट' कहलाती है। आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने से एक घंटे पहले और पानी पीने के एक घंटे के बाद तक और कुछ न खाएं-पिएं, ठोस आ‍हार तो भूल से भी न लें। हो सकता है कि शुरुआत में 1 लीटर पानी पीने में तकलीफ हो, लेकिन धीरे-धीरे आपको इसकी आदत हो जाएगी। पहले दो गिलास पिएं, इसके बाद दो मिनट रुके और फिर दो गिलास पिएं। जब आप इस प्रकिया की शुरूआत करेंगे तो संभव है कि आपको एक घंटे में दो से तीन बार पेशाब के लिए जाना पड़े। लेकिन, कुछ समय बाद आपका शरीर इतने पानी का आदी हो जाएगा और आपकी यह समस्‍या भी दूर हो जाएगी। जापान में हर सुबह जगने के तुरंत बाद पानी पीने का चलन है। इसके अलावा इसके वैज्ञानिक शोधों में भी इसके फायदों को प्रमाणित किया गया है। जापान की मेडिकल सोसाइटी के मुताबिक वॉटर ट्रीटमेंट की मदद से पुरानी और गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है। इसके अलावा वॉटर ट्रीटमेंट से सिरदर्द, बदन दर्द, अर्थराइटिस, हृदय की तेज गति, मिर्गी, अस्थमा, टीबी, मैनिन्जाइटिस, किडनी और पेशाब से जुड़ी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। इतना ही नहीं पानी पीने के इस इलाज से उल्टी, गैस की समस्या, डायरिया, बवासीर, मधुमेह, कब्ज, आंखों से जुड़ी समस्याएं, कैंसर, मासिक धर्म में अनियमितता, कान, नाक और गले की जुड़ी बीमारियां और यहां तक कि दिल से जुड़ी बीमा‍रियों को भी काबू किया जा सकता है। सुबह उठने के साथ ही और ब्रश करने से पहले चार गिलास पानी पिएं। ब्रश करने के पैंतालीस मिनट तक ना कुछ खाएं और ना ही कुछ पिएं। पैंतालीस मिनट के बाद आप कुछ भी खा पी सकते हैं। नाश्‍ते, लंच और डिनर के 15 मिनटों के बाद अगले दो घंटे तक न कुछ खायें न पियें। बूढ़े और बीमार लोगों के लिए चार गिलास पानी पीना मुश्किल हो जाता है। वे थोड़ी मात्रा से शुरुआत कर बाद में इसे बढ़ा सकते हैं। सबसे अच्छी बात है जल चिकित्सा प्रणाली का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। हो सकता है कि आपको कई बार पेशाब जाना पड़ सकता है। अच्छा होगा कि आप इसे प्रक्रिया को अपने डेली रुटीन में शामिल कर लें। इससे ना सिर्फ आप बीमारियों से बचेंगे ब्लकि चुस्त-दुरुस्त भी रहेंगे। वी एन आई

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