मुस्लिम समुदाय के लोग भी एक जगह जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन बेहद कम लोगों को ही इसकी जानकारी होगी। एक प्रकाशित समाचार के अनुसार राजस्थान में एक जगह ऐसी भी है जहां दरगाह में जन्माष्टमी का पर्व बड़ी शृद्धा से मनाया जाता है
शरीफ हजरत हाजिब शकरबार दरगाह जो कि नरहर दरगाह के रूप में भी जानी जाती है राजस्थान की राजधानी जयपुर से 200 किलोमीटर दूर झुंझुनू जिले के चिरवा मे स्थित है यहाँ भगवना कृष्ण के जन्मदिन यानी जन्माष्टमी के अवसर पर तीन दिनों का उत्सव आयोजित किया जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पर्व पिछले 300-400 वर्षों से मनाया जा रहा है। यहां हर समुदाय के लोग आते हैं। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं और मुस्लिमों में भाईचारे को बढ़ावा देना है।
त्योहार के दौरान यहां बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के लोग आते हैं।
कहा जाता है यहां हजारों हिंदू आते हैं और दरगाह में फूल, चादर, नारियल और मिठाइयां चढ़ाते हैं।
त्योहार के दौरान दरगाह के आसपास 400 से ज्यादा दुकानें सज जाती हैं।
जन्माष्टमी की रात यहां मंदिरों की तरह ही कव्वाली, नृत्य और नाटकों का आयोजन होता है।
यह ग्यात नही है कि यह त्योहार कब और कैसे शुरू हुआ, लेकिन इतना जरूर है कि यह राष्ट्रीय एकता की सच्ची तस्वीर पेश करता है। क्योंकि त्योहार को यहां हिंदू, मुस्लिम और सिख साथ मिलकर मनाते हैं।
खास तौर नवविवाहित जोड़े यहां खुशहाल और लंबे वैवाहिक जीवन की मन्नतें मांगने आते हैं।
कई लोगो के अनुसार यहां आकर उन्हें मानसिक शांति मिलती है