नई दिल्ली 27 नवंबर (वीएनआई) भारतीय मूल के एंटोनियो कोस्टा पुर्तगाल के नए प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति एनबिल कैवेको सिल्वा ने सोशलिस्ट पार्टी के इस नेता को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया है.
एंटोनियो के पिता पुर्तगीज कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य ऑरलैंडो प्रतिष्ठित साहित्यकार थे। उन्होंने उपनिवेश विरोधी आंदोलन में हिस्सा लिया था और पुर्तगाली भाषा में 'शाइन ऑफ़ एंगर' नामक मशहूर किताब लिखी थी. इस पार्टी पर तानाशाह ओलिविएरा सालाजार ने प्रतिबंध लगा दिया था। ऑरलैंडो का जन्म पुर्तगाल का उपनिवेश रहे मोजाम्बिक में 1929 में हुआ, जहां से उनका परिवार गोवा में आकर बस गया। ऑरलैंडो 18 वर्ष की अवस्था में गोवा छोड़कर लिस्बन में जा बसे और वहीं मारिया एंटोनियो पाल्ला से शादी कर ली। उस समय गोवा से अफ्रीका के पुर्तगाल उपनिवेश वाले क्षेत्रों और पुर्तगाल की ओर प्रवसन आम बात थी। गोवा पर 451 वर्षों तक पुर्तगाल का शासन रहा, जिसे भारतीय सेना ने 1961 में आजादी दिलाई।
एंटोनियो का घरेलू नाम बाबूश है, जिसका कोंकणी में आशय 'छोटा बच्चा' है।उनके रिश्तेदार आज भी गोवा के मरगाओ के नज़दीक रुआ अबेद फ़ारिया गांव में रहते हैं.
साल 1974 में पुर्तगाल में तानाशाही ख़त्म होेने के बाद पहली बार पुर्तगाल में सोशलिस्ट पार्टी सत्ता में आई है. इसे कम्यूनिस्टों का भी समर्थन हासिल है.
कोस्टा ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि वे खर्च में कटौती की नीति को पलट देंगे एंटोनियो लिस्बन के मेयर रह चुके हैं. मेयर रहते हुए ही उन्होंने भारत के साथ बेहतर व्यापारिक रिश्तों पर ज़ोर दिया था.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोस्टा को पुर्तगाल का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है और बेहतर दोतरफा रिश्तों को विकसित करने की इच्छा जताई है.
मोदी ने ट्वीट किया, "मैं एंटोनियो कोस्टा को पुर्तगाल का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देता हूं. मैं दोतरफ़ा संबंध को और मज़बूत बनाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं"