भारत रूस 16 वां वार्षिक शिखर-अहम रक्षा समझौता, सैन्य सहयोग बढेगा, आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे

By Shobhna Jain | Posted on 15th Oct 2016 | VNI स्पेशल
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बेनॉलियम (गोवा),15 अक्टूबर(शोभनाजैन/वीएनआई) गोवा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने 16 वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन वार्ता मे अभयपक्षीय संबंधो को मजबूत बनाने के साथ आतंकवाद की ज्वलंत समस्या पर अहम चर्चा की. श्री पुतिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोवा आए है जिससे पूर्व आज यह शिखर वार्ता संपन्न हो गयी है है. दो दिवसीय शिखर बैठक आज हो ्रही है, जिसकी यहा बड़े पैमाने पर तैयारिया की गयी हैं .इस अहम वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा तथा कृषि आधारित अहम व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये .इन अहम समझौतो मे भारत तथा रूस के बीच एस-400 ‘ट्रंफ' लंबी दूरी की क्षमता वाली अत्याधुनिक वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के 39,000 करोड़ रूपये के महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किये गये.इसके साथ ही दोनो देशो द्वारा विभिन्न क्षेत्रो मे उबयपक्षीय सहयोग बढाने के १६ समझौतो पर् भी हस्ताक्षर किये गये प्रधान मंत्री मोदी व रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के नेतृत्व मे शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतो ्पर हस्ताक्षर किये गये. शिष्टमंडल स्तर के वार्ता से पहले दोनो आपस मे अलग से भी चर्चा की. सूत्रो के अनुसार पुतिन और मोदी परमाणु उर्जा इंजीनियरिंग में सहयोग और सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया.समझा जाता है कि दोनो देशो ने रूसी सह्योग से बन रहे कुंदकुलम परमाणु संयंत्र की पॉचवी और छठी यूनिट के समझौते को भी अंतिम रूप दे दिया गया था. िसी के चलते पीएम मोदी और पुतिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) की तीसरी और चौथी इकाइयों की स्थापना के लिए शिलान्यास समारोह में हिस्सा लिया.सूत्रो के मुताबिक रुस की भारत के लिए प्रोजेक्ट 11356 के तहत युद्धपोत बनाने के संबंध में समझौता करने की और कामोव का-226 टी हेलीकॉप्टर के उत्पादन के लिए रुस-भारत का संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की भी योजना है. समझा जाता है कि इस आशय के समझौते पर भी आज हस्ताक्षर हो गये इससे पूर्व विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'मोदी और पुतिन रक्षा, आतंकवाद से मुकाबले सहित विभिन्न. मुद्दों पर चर्चा करेंगे.' इससे पहले पुतिन जब गोवा के डैबोलिम हवाईअड्डे पर पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद मोदी ने ट्विटर पर उनका अभिवादन करते हुए लिखा, 'भारत आपका स्वागत करता है राष्ट्रपति पुतिन. आपकी यात्रा फलदायी हो.' पुतिन के साथ भारत दौरे पर रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और उद्योग मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी भी आए हुए हैं. सम्मेलन में आतंकवाद सहित कई अहम मुद्दों को भारत सामने रखेगा. अपनी बातचीत के परिणामस्वरुप पुतिन और मोदी संयुक्त वक्तव्य जारी किया जिसे जो विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों को सुलझाने की दिशा में उनके साझा प्रयासों ्का प्रारूप ्माना जा रहा है है . दोनों पक्ष ने अपने कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 70 साल पूरे होने के मौके पर भविष्य के अपने कदमों के एक खाके को भी मंज़ूरी दी . सूत्रो के अनुसार भारत तीन प्रकार की मिसाइलों पर निशाना साधने में सक्षम सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली में से पांच प्रणालियां हासिल करने में रचि रखता है. इसमें अपनी तरफ आ रहे दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोनों को 400 किलोमीटर तक के दायरे में मार गिराने की क्षमता है.एस-400 विमान रोधी मिसाइलों की खरीद को रक्षा मंत्रालय द्वारा दिसंबर में मंजूरी दी गई थी. इस समझौते से भारत चीन के बाद इस मिसाइल प्रणाली का दूसरा ग्राहक होगा। चीन ने पिछले साल तीन अरब डॉलर का करार किया था. एस-400 पहले केवल रुसी रक्षा बलों के लिए ही उपलब्ध था। यह एस-300 का उन्नत संस्करण है. अलमाज-आंते ने इसका उत्पादन किया है और रुस में 2007 से यह सेवा में है. गौरतलब है कि रूस के साथ होने वाली इस बैठक में भारत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी जिसमें रूस-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे सैन्य संबंधों पर फिर से चिंता व्यक्त भी की. इस दौरान दोनों पक्ष रक्षा एवं परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपनी ‘विशेष एवं विशिष्ट भागीदारी' को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया. भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले मॉस्को में भारतीय दूत पंकज सरन ने कहा कि जहां तक पाकिस्तान के साथ रूस के हालिया सैन्य अभ्यास की बात है तो ‘हम अपनी चिंताएं और विचार व्यक्त कर चुके हैं. हमें यकीन है कि रूस हमारी चिंता पर ध्यान देगा.'सरन ने पूर्व में पाकिस्तान के साथ रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर भारत की आपत्ति से मॉस्को को अवगत कराते हुए कहा था कि जो देश ‘आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में प्रायोजित करता है और इसे अपनाता है', उसके साथ अभ्यास से आगे समस्याएं और बढेंगी. यह शिखर सम्मेलन पाकिस्तान आधारित आतंकियों द्वारा किए गए उरी हमले के फौरन बाद हो रहा है. इस मे आतंकवाद का मुद्दा छाये रहने की संभावना है. इसी बीच गोवा में एक के बाद एक करके कई देशों के शीर्ष नेता व प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं. ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमर , दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा िसमे प्रमुख है.पांच देशों के समूह ब्रिक्स के इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के नेता भी हिस्सा लेंगे. इस सम्मेलन में आतंकवाद के खतरे से मुकाबले और कारोबार एवं निवेश बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.वी एन आई

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