नई दिल्ली, 22 दिसंबर (वीएनआई) केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर मानहानि के मामले में चर्चित अधिवक्ता एक समय के सदस्य रहे भारतीय जनता पार्टी राम जेठमलानी अब केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं की ओर से बतौर वकील पैरवी करेंगे ।
जेटली ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार के लिए उनके ऊपर आरोप लगाने को लेकर गत सोमवार को केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का एक मुकदमा दायर किया और क्षतिपूर्ति के रूप में 10 करोड़ रुपये की मांग की। ्मुकदमे पर केजरीवाल ने कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी को डराया नहीं जा सकता।
14 सितंबर 1923 को जन्मे जेठमलानी ने एलएलबी के लिये 21 वर्ष की निर्धारित आयु बावजूद 17 साल की उम्र में क़ानून की डिग्री हासिल कर ली थी यूं तो देश के सबसे महंगे वकीलों में से हैं, लेकिन वे दावा करते हैं कि वो 90 फ़ीसदी मामले बिना फ़ीस के लड़ते हैं.
राम जेठमलानी सबसे पहले 1959 के केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार मामले से चर्चा में आए थे उस समय उनके सामने मशहूर वकील विष्णु यशवंत चंद्रचूड़ थे
इसके बाद कई हाईप्रोफ़ाइल मामलों मे वे चर्चा का कारण रहे जिसमे राजीव गांधी की हत्या के दोषियों का बचाव, जेठमलानी इंदिरा गांधी की हत्या मे उनके हत्यारे केहर सिंह और सतवंत सिंह का बचाव स्टॉक मार्केट घोटाले में हर्षद मेहता, केतन पारेख तथा अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान की भी पैरवी करने के अलावा वे दिल्ली के बेहद चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड मामले में वे अभियुक्त मनु शर्मा के वकील थे.अवैध खनन मामले में उन्होंने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा का भी बचाव किया था.सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेढ़ मामले में उन्होंने मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का केस लड़ा.वे 2जी घोटाला मामले में वे डीएमके की नेता कनिमोझी के वकील भी हैं इसके अतिरिक्त हवाला कांड में राम जेठमलानी वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के वकील थे.
राम जेठमलानी कथित बलात्कार मामले में गिरफ़्तार बापू आसाराम के भी वकील रह चुके हैं. हालांकि बाद में एक और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी आसाराम का केस लड़ रहे हैं. वे बाबा रामदेव और शिवसेना के वकील भी रहे हैं,आय से अधिक संपत्ति मामले में वो तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के वकील थे.
राम जेठमलानी भारतीय जनता पार्टी में थे और बिहार से 1988 मे वे राज्यसभा सद्स्य बने, 1996 मे वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मे कानून,न्याय व कंपनी कार्य राज्यमंत्री बने लेकिन कुछ ्समय पूर्व उनके बाग़ी तेवरों के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया .उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान कहा था वो इस चुनाव में मोदी की हार देखना चाहते हैं.