नयी दिल्ली 31 मार्च (शोभना जैन,वीएनआई) यमन मे लगातर बढती हिंसा और नाजुक हालात के बीच भारत ने वहा फंसे 4,000 भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिये प्रयासो को और तेज कर दिया है. वहा फंसे भारतीयो को सुरक्षित निकालने के लिये भारतीय नौ सेना के जल पोत \'सुमित्रा\' यमन की अदन बंदरगाह पहुंच गया है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने आज ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही इस जल पोत के जरिये जल मार्ग से वहा से भारतीयो की सुरक्षित स्वदेश वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. इसी बीच इस अभियान की देख रेख के लिये विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह भी आज जिबुती रवाना हो गये है.श्री वी.के.सिंह जिबूती में भारतीयो की सुरक्षित निकासी प्रक्रिया की देख रेख करेंगे, जहां से भारतीय स्वदेश लौटेंगे.
गौरतलब है कि इस हालात मे भारतीयो को लेकर भारत की चिंताओ को हुए साझा करते हुए सउदी अरब ने भी भारत को आश्वासन दिया है कि वह यमन में भारतीयों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान देंगा और उन्हें वहा से जल्दी तथा सुरक्षित निकालने में हर संभव सहयोग करेंगा. वहा फंसे भारतीयो को निकालने की बाबत प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल रात सउदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद को टेलीफोन कर भारतीयो को निकालने मे सउदी अरब का सहयोग मांगा था. दोनों देशों के बीच ‘‘मजबूत और घनिष्ठ’ संबंधों को याद करते हुए सउदी शाह ने प्रधान मंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि वह यमन में भारतीयों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान देंगे और उन्हें जल्दी तथा सुरक्षित निकालने में हर संभव सहयोग करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने यमन में फंसे करीब 4,000 भारतीयों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर अपनी गंभीर चिंता से उन्हें अवगत कराया.सूत्रो के अनुसार यमन मे फंसे भारतीयो मे बड़ी तादाद मे भारतीय नर्से है जो वहा विभिन्न अस्पतालो मे काम करती है.
प्रवक्ता ने कल देर शाम कहा था कि सरकार ने भारतीयो को वहा से वायु तथा जल मार्ग से सुरक्षित वापस लाने निकालने के बारे मे व्यापक प्रंबंध किये है उन्होने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि भारतीयो को संघर्ष रत क्षेत्र से जल्द सुरक्षित वापस निकालने मे हर संभव प्रयास किये जाये. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी घट्नाक्रम पर लगातार नजर रखे हुए है .कल उन की अध्यक्षता मे इस अभियान के व्याप्क प्रंबंधो की समीक्षा की गई जिसमे जनरल सिंह के अलावा विदेश मंत्रालय, वायु सेना, नौ सेना, एयर इंडिया सहित अभियान से जुड़े विभिन्न विभागो के शीर्ष अधिकारियो ने हिस्सा लिया .प्रवक्ता के अनुसार जिबूती में भारत ने अपने पांच वरिष्ठ राजनयिकों को इस अभियान मे हाथ बंटाने वहा भेजा है.मंत्रालय ने भारतीयो की मदद के लिये एक कंट्रोल रूम् भी स्थापित किया है
इस बीच, भारत ने अदन से 400 भारतीय नागरिकों को समुद्र मार्ग से सुरक्षित बाहर निकाल कर फिर उन्हें स्थानीय विमान की मदद से जिबूती पहुंचाया है। भारतीय वायुसेना ने जिबूती से भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए दो विमान भी वहा भेजे है जिन्हे अदन से जल मार्ग से जिबूती लाया जा रहा है। मस्कट में एयर इंडिया के दो विमान इस के लिये तैयार रखा गया हैं। आईएनएस \'सुमित्रा\' के अलावा नौसेना आईएनएस \'मुंबई \'और आईएनएस \'तरकश\' को भी सेवा में लगा रहा है। दोनों जहाजों में 1,100 लोगों के यात्रा करने की क्षमता है।
सुत्रो के अनुसार भारत इस क्षेत्र के अनेक देशो नेताओं के भी संपर्क में है और कठिन हालात में उनसे भी मदद मांगी जाएगी।
एअर इंडिया ने हिंसा ग्रस्त यमन में फंसे भारतीयों को लाने के लिए ्कल अपना पहला विमान भेजा था. वहीं कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारी ने भी आज बताया कि यमन में फंसे भारतीय नागरिकों को वहां से लाने के लिए भारत ने दो यात्री पोत जिबुती बंदरगाह भेजे हैं.
प्राप्त समाचारो के अनुसार सऊदी अरब की अगुआई में यमन में हौती विद्रोहियों पर हवाई हमले किए जा रहे हैं, जो आज छठे दिन भी जारी रहे. इसी बीच यमन से प्राप्त समाचार के अनुसारअल-मजरक शिविर पर हुए एक हवाई हमले में लगभग 40 व्यक्ति मारे गए थे और 200 अन्य घायल हो गए थे। विद्रोहियों नेकल रात शस्त्रागार को भी निशाना बनाया. वी एन आई