मुंबई, 4 जनवरी (वीएनआई)| इंग्लैंड के साथ होने वाली एकदिवसीय और टी-20 सीरीज से पहले भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में शुमार कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आज सीमित ओवरों की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है।
बीसीसीआई ने आज एक बयान जारी कर इसकी घोषणा करते हुए कहा धौनी इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखला में टीम की कमान नहीं संभालेंगे, हालांकि वह टीम में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे। वहीं बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने एक बयान में कहा है, सभी क्रिकेट प्रशंसकों और बीसीसीआई की तरफ से मैं महेंद्र सिंह धौनी का भारतीय क्रिकेट को दिए उनके शानदार योगदान के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। उनकी कप्तानी में भारत ने क्रिकेट में नई ऊंचाईयों को छुआ।
उम्मीद है धौनी के बाद टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली को एकदिवसीय और टी-20 की कमान मिल सकती है। गौरतलब है इससे पहले धौनी ने दिसंबर, 2014 में टेस्ट से संन्यास ले लिया था। धौनी ने 60 टेस्ट मैचों में टीम की कमान संभाली जिसमें 27 में उन्हें जीत और 18 में हार मिली जबकि 11 मैच ड्रॉ रहे।
महेन्द्र सिंह धौनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 विश्व कप और 2011 में 50 ओवरों के विश्व कप में जीत हासिल कर इतिहास रचा था। धौनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 विश्व कप और 2011 में 50 ओवरों के विश्व कप में जीत हासिल कर इतिहास रचा था। वहीं टेस्ट में भी धौनी ने टीम को पहली बार नंबर-1 की कुर्सी पर बैठाया। धौनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के सभी आयोजनों में टीम को जीत दिलाई हो। धौनी की कप्तानी में ही भारत ने 2013 में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की थी।
धौनी ने एकदिवसीय में कुल 199 मैचों में टीम का नेतृत्व किया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धौनी ने टीम को कप्तान रहते कुल 110 मैचों में जीत दिलाई जबकि 74 मुकाबलों में उन्हें हार मिली। चार मुकाबले टाई और 11 मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला। कप्तान रहते हुए एक बल्लेबाज के तौर पर भी धौनी कामयाब रहे। उन्होंने कप्तान रहते एकदिवसीय में 54 का औसत और 86 के स्ट्राइक रेट से 6,683 रन बनाए। वह विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा एकदिवसीय मैचों में कप्तानी करने में तीसरे नंबर पर आते हैं। उनसे ज्यादा आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग ने एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की है। धौनी को क्रिकेट इतिहास में करिश्माई कप्तान भी कहा जाता है। क्रिकेट के मैदान पर उन्होंने कई बार ऐसे जोखिम उठाए जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
धौनी को पहली बार कप्तान की जिम्मेदारी 2007 में दी गई थी। उनकी पहली परिक्षा ही काफी मुश्किल थी। आईसीसी ने पहली बार टी-20 विश्व कप कराने का फैसला किया। धौनी ने इस विश्व कप से अपनी कप्तानी की शुरुआत की और भारत को विजेता बनाकर स्वदेश लौटे। टी-20 विश्व कप के बाद ही उन्हें एकदिवसीय टीम की कमान भी सौंपी गई। उन्होंने 72 टी-20 मैचों में टीम की कमान संभाली और 41 जीत टीम को दिलाई और 28 हारों का सामना किया। एक मैच टाई और दो मैचों का परिणाम नहीं निकला। वह टी-20 में सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी करने वाले खिलाड़ी हैं। टी-20 में कप्तान रहते उन्होंने 122.60 के स्ट्राइक रेट से 1112 रन बनाए। टी-20 में वह बिना अर्धशतक लगाने के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। टी-20 में उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 48 है। पांच साल बाद उन्होंने भारत को एक बार फिर विश्व विजेता बनाया। भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की संयुक्त मेजबानी में खेले गए 50 ओवरों के विश्व कप में भारत ने धौनी के कप्तान रहते ही जीत हासिल की। भारत ने 28 साल बाद इस विश्व कप पर कब्जा जमाया था। 2015 में हुए विश्व कप में धौनी भारत को सेमीफाइनल तक ले गए।
धौनी की कप्तानी में ही भारत ने अब तक खेले गए छह टी-20 विश्व कप में हिस्सा लिया और धौनी की कप्तानी में भारत दो बार विश्व कप के फाइनल तक पहुंचा। एक बार टीम विजेता बनी तो 2014 में उपविजेता। 2014 के फाइनल में उसे श्रीलंका ने मात दी। पिछले साल भारत की मेजबानी में हुए टी-20 विश्व कप में भी भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई, जहां उसे वेस्टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा। धौनी ने कप्तानी में अपनी सफलता आईपीएल में भी जारी रखी। उन्होंने इस समय निलंबित चल रही चेन्नई सुपर किंग्स को दो बार आईपीएल का विजेता बनाया जबकि चार बार उपविजेता बनी। चेन्नई ने धौनी के कप्तान रहते हर साल आईपीएल के सेमीफाइनल में जगह बनाई।