नई दिल्ली, 28 मार्च (वीएनआई)| संसद में लगातार हंगामे की बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने aaj राज्यसभा की कार्यवाही में व्यवधान पर खेद जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा में जो घटित हो रहा है, उसका राज्यसभा में अनुसरण करने की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी राज्यसभा के सेवानिवृत्त सदस्यों के लिए उनके विदाई भाषण के दौरान आई। उन्होंने कहा, इस सदन में ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो किसी पार्टी की विचारधारा से नहीं जुड़े हैं। यहां के ज्यादातर सदस्य किसी न किसी वैचारिक पृष्ठभूमि से हैं। इसलिए यह स्वाभाविक है कि वे सदन में अपना दृष्टिकोण स्थापित करने की कोशिश करते हैं। लेकिन हम यह भी उम्मीद रखते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि जो भी कुछ लोकसभा में घटित होता है, उसका राज्यसभा में भी अनुसरण किया जाए। मोदी ने कहा कि ऊपरी सदन का 'विशेष महत्व' है और नीति निर्धारण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेवानिवृत्त सदस्य तीन तलाक विधेयक लाए जाने के दौरान निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा, तीन तलाक विधेयक देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। यदि आप ने इस तरह के महत्वपूर्ण फैसले में योगदान दिया होता तो बेहतर होता। प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सेवानिवृत्त सदस्य अब समाज सेवा में और ज्यादा मजबूत भूमिका निभाएंगे। इनमें से सभी ने अपने तरीके से योगदान दिया है। उन्होंने राष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिए अपनी योग्यता के अनुसार काम किया है। उन्होंने कहा, मेरा कार्यालय आप सभी के लिए हमेशा खुला है। आप महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेझिझक विचार साझा कर सकते हैं। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने पूर्व अटॉर्नी जनरल के.पराशरन, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, हॉकी के दिग्गज दिलीप तिर्की, उप सभापति पी.जे. कुरियन सहित कई सेवानिवृत्त सदस्यों के विशिष्ट कार्यो का उल्लेख किया।
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