नई दिल्ली, 15 जनवरी (वीएनआई)| कांग्रेस ने आज हरियाणा में तीन लड़कियों के साथ घटी दुष्कर्म की घटना की निंदा की और कहा कि खट्टर सरकार के तहत राज्य 'अपराध का केंद्र' बन गया है।
महिला कांग्रेस की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी व दूसरे अधिकारियों से मिलेगा और उनसे रोकथाम के उपाय करने और दोषियों को सजा सुनिश्चित करने की मांग करेगा। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार के तहत हरियाणा अपराध का केंद्र बन गया है। दुर्भाग्य से, यह देश में सामूहिक दुष्कर्म में नंबर एक बन गया है। कांग्रेस प्रक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हवाले से ट्वीट किया, साल 2016 में 1,198 दुष्कर्म, 191 सामूहिक दुष्कर्म और 4,019 अपहरण के मामले हुए। मनोहर लाल खट्टर सरकार के तहत हर रोज तीन हत्याएं, तीन दुष्कर्म व 11 अपहरण के मामले होते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा, "बेटियों के हर रोज शोषण से मानवता शर्मसार है.. राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। खट्टर सरकार को बदला जाना चाहिए।"
महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव ने मांग की कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और रोकथाम के खास उपाय किए जाने चाहिए। देव ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हरियाणा राज्य में तीन युवतियों के साथ दुष्कर्म किया गया। जिस तरह से दुष्कर्म के बाद उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया, वह स्तब्ध करने वाला है। हालांकि, हमने कई उपचारात्मक उपाय किए हैं, लेकिन सरकार ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए हैं। उन्होंने कहा, "एनसीआरबी का अंतिम आंकड़ा भी दिखाता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ा है। निर्भया दुष्कर्म मामले के बाद बहुत से नियम बदले गए और कई कदम उठाए गए। प्राथमिक मुद्दा है कि (नरेंद्र) मोदी सरकार ने 2014 में महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा, लेकिन आंकड़ा दिखाता है कि भाजपा शासित राज्य व भारत सरकार कोई ठोस कदम उठाने में विफल रही है। देव ने कहा, उदाहरण के लिए निर्भया फंड का इस्तेमाल नहीं हुआ और इसके भविष्य में इस्तेमाल किए जाने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। आज एक एसआईटी गठित कर दी गई, लेकिन मेरा मानना है कि हमें महिला सुरक्षा के बारे में ज्यादा गंभीर होने की जरूरत है, जो कि यह सरकार साफ तौर पर नहीं है। उन्होंने अपनी गहरी संवेदना प्रकट की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति जताई।
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