नई दिल्ली, 14 दिसंबर (वीएनआई)| कांग्रेस ने आज निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों की 'कठपुलती' बताया। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अंतिम क्षण में गुजरात में भाजपा के 'डूबते जहाज' को बचाने के लिए नियमों को तोड़ रहे हैं।
कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ शिकायतों पर निर्वाचन आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा खुले तौर पर लोकतांत्रिक व संवैधानिक नियमों की धज्जियां उधेड़ने पर आंखें मूंदे बैठा है। कांग्रेस ने मोदी के अहमदाबाद में वोट देने के बाद किए गए रोड शो का विरोध किया। कांग्रेस ने कहा कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, यह चुनाव प्रचार था। मोदी का वोट डालने के बाद रोड शो स्पष्ट तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ऐसा लग रहा है कि निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री व पीएमओ के दबाव में काम कर रहा है।"
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, "यदि निर्वाचन आयोग में थोड़ी भी शर्म बची है तो उसे कांग्रेस की शिकायतों पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी ने खुले तौर पर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया है और निर्वाचन आयोग चुप्पी साधे बैठा है। उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग ने भाजपा व कांग्रेस के लिए अलग-अलग मानक तय किए हैं। निर्वाचन आयोग का भाजपा के संगठन के तौर पर व्यवहार करने का क्या कारण है।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से अपनी शिकायतों के बारे में पूछा, जिसके जवाब में आयोग ने कहा कि वे इस पर गुजरात चुनाव के दूसरे एवं अंतिम चरण के मतदान की समाप्ति के बाद शाम 5 बजे विचार करेंगे। उन्होंने कहा, "मुख्य निर्वाचन आयुक्त (ए.के.जोति) अभी भी मोदी के मुख्य सचिव के तौर पर कार्य कर रहे हैं। यह निर्वाचन आयोग के लिए शर्मनाक है।"
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जिस तरह से भाजपा व्यवहार कर रही है उससे साफ संकेत मिलता है कि मोदी ने गुजरात में हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा, मुझे यह कहते हुए खेद हो रहा है कि मोदी ने गुजरात में भाजपा के 'डूबती जहाज' को बचाने के लिए कठपुतली निर्वाचन आयोग की मदद ली है। सुरजेवाला ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि या तो आयोग आंखों पर पट्टी बांधे है या नींद में है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि बुधवार को कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से मिलने का समय मांगा था और आयोग ने कहा कि वह उनसे गुरुवार की सुबह मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा, "सिर्फ 'धरने' की धमकी देने बाद हमें रात 10.15 बजे मिलने का समय दिया गया। सुरजेवाला ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक व कर्मचारी मोदी के उल्लंघनों पर क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "इस प्रेस कांफ्रेंस के जरिए हम निर्वाचन आयोग को जगाने का प्रयास कर रहे हैं। हम निर्वाचन आयोग से अपील करेंगे कि वह अंधा व बहरा नहीं बने। उन्हें अंधभक्ति के स्तर तक नहीं गिरना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर लोगों का संस्था से विश्वास मिट जाएगा।"
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