नई दिल्ली, 24 सितम्बर (वीएनआई)| भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार सहित आर्थिक स्थिति और अगले दौर के विधानसभा चुनाव के प्रमुख एजेंडे के रूप में शामिल होने की संभावना है। बैठक रविवार और सोमवार को हो रही है।
सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों को लेकर चिंतित है। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक विकास को पटरी पर लाने के लिए पैकेज के बारे में बात कर रहे हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए दो दिवसीय बैठक भाजपा पदाधिकारियों के साथ रविवार को शुरू होगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उद्घाटन भाषण देंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समापन भाषण देंगे। मोदी द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर पैदा चिंताओं के बारे में संबोधित किए जाने की संभावना है और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के लिए भी वह तैयार हैं। पार्टी के महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि एजेंडा तय करने के लिए सभी पदाधिकारी रविवार को बैठक करेंगे।
मुख्य बैठक सोमवार को तालकटोरा स्टेडियम में होगी। पार्टी के नेताओं के मुताबिक, बैठक में पार्टी के 15 मुख्यमंत्री, छह उप मुख्यमंत्री, 1,400 विधायक, 85 विधान परिषद सदस्य, 80 मंत्री और 336 सांसद शामिल होंगे। प्रदेश अध्यक्षों के अलावा, राज्यों में पार्टी के सचिव और पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी भी इसमें शामिल होंगे। आम तौर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बैठक में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार भाजपा विस्तारित रूप से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रही है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा एक राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पारित किया जाना निर्धारित है। भाजपा सूत्रों ने कहा कि महासचिवों विनय सहस्त्रबुद्धे और राम माधव को संकल्प तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों का कहना है कि संभावना है कि आर्थिक प्रस्ताव में नोटबंदी व जीएसटी को लागू करने की सराहना की जाएगी।
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