पटना, 22 जुलाई, (वीएनआई) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण देने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी प्रोन्नति में आरक्षण की वकालत करते रहे हैं। उधर, नीतीश सरकार के इस फैसले को 2019 लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने पांच जून को केंद्र सरकार को कानून के अनुसार कर्मचारियों की निश्चित श्रेणी में प्रमोशन में आरक्षण देने की अनुमति दी थी। इसके तहत सर्वोच्च न्यायलय ने नौकरियों में प्रमोशन को लेकर मौजूदा आरक्षण व्यवस्था को तब तक बरकरार रखने को कहा, जब तक कि इस मामले में संविधान पीठ कोई अंतिम फैसला न सुना दे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा काफी गरमाया था। विपक्ष ने बीजेपी पर इस ऐक्ट के प्रावधानों को कमजोर करने की साजिश का आरोप लगाया था। इस पर बीजेपी को सफाई देनी पड़ी थी कि आरक्षण और दलित समुदाय की सुरक्षा से जुड़े अन्य नियम बने रहेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था कि अगर सर्वोच्च न्यायलय इस मामले में राहत नहीं देता है तो सरकार अध्यादेश लाएगी।
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