मुंबई, 27 जनवरी (वीएनआई)एशिया की सबसे अमीर महानगर पालिका यानि मुंबई नगर निगम चुनावों में कल बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद एनसीपी नेता शरद पवार ने बीजेपी को समर्थन देने के संकेत दिए हैं. शरद पवार ने कहा कि अगर बीएसमी चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी-शिवसेना की सरकार पर खतरा मंडराता है तो दोनों में खटास के चलते और बीजेपी सरकार को बचाने के लिए अगर मदद मांगी जाती है तो वे इसके बारे में सोचेंगे. पवार ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना इतने साल साथ थे. गठबंधन टूटने पर दर्द हो रहा है. शिव सेना ने श्री पवार की इस घोषणा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस सांठ गांठ के पीछे की असलियत मुंबई की जनता को पता होनी चाहिये. आगामी 21 फरवरी को 227 सीटों वाली मुम्बई महानगरपालिका में वोट पड़ने हैं. इसी के साथ अन्य 9 महानगरपालिका और 25 ज़िला परिषद के चुनाव भी महाराष्ट्र में हो रहे हैं.जानकारो के अनुसार प्रदेश सरकार का भविष्य अब चुनाव के नतीजो पर ही तय होगा
बीजेपी से काफी नाराज़ दिखे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल यह एलान करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अब चुनाव साथ नहीं लड़ेंगे. पार्टी ने गठबंधन में रहकर 25 साल बरबाद कर दिए हैं,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना की रैली के बाद तुरंत ही ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, सत्ता साध्य है. साधन नहीं. परिवर्तन तो होगा. जो आयेगा उसके साथ जो नहीं आयेगा उसके बगैर.
हालांकि उद्धव ने राज्य और केंद्र में मौजूदा गठबंधन पर अभी कुछ नहीं बोला है.केन्द्र मे सत्तारूढ एन डी ए सरकर मे शिव सेना सहयोगी घटक हैइससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था लेकिन बाद में केंद्र और राज्य में समर्थन दे दिया था।वैसे, बीजेपी-शिवसेना गठबंधन देश का सबसे लंबा चला अपनी तरह का अनूठा गठबंधन है, जो जरूरत अनुसार बदलता है. लोकसभा चुनाव में एक साथ रहे ये दल, विधानसभा चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ़ लड़े और फिर सत्ता के लिए शिवसेना ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इस बीच महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने दावा किया है कि शिवसेना के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले का राज्य की बीजेपी सरकार पर कोई असर नहीं होगा.
शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में पदाधिकारियों के रैली में बोलते हुए दो टूक कह दिया कि पार्टी ने गठबंधन में रहकर 25 साल बर्बाद किए. अब वो महाराष्ट्र में अकेले आगे बढ़ेगी. उद्धव ने दो टूक कहा कि मैं ऐलान कर रहा हूं, आज के बाद भविष्य में शिवसेना अकेली महाराष्ट्र में भगवा लहराएगी. अब के बाद मैं गठबंधन के लिए किसी के दरवाजे पर कटोरा लेकर नहीं जाऊंगा. जो कुछ होगा वह मेरे शिवसैनिकों का, शिवसेना प्रमुख का, हमारा होगा. किसी की भीख नहीं. इसकी शुरुआत के रूप में महानगर पालिका और जिला परिषद के आगामी चुनाव में कहीं भी हम गठबंधन नहीं करेंगे. मेरा शिवसैनिक शिवसेना के साथ गद्दारी नहीं करेगा. अब लड़ाई शुरू हो चुकी है.शिवसेना ने महाराष्ट्र में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर बीते गुरुवार को भाजपा के साथ 25 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया। इससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था और बाद में केंद्र और राज्य में समर्थन दे दिया था।
उन्होने खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर व डायरी में महात्मा गांधी की जगह मोदी की तस्वीर की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने महात्मा गांधी तक को नहीं बख्शा और केवीआईसी की डायरी व कैलेंडर से उनकी तस्वीर तक हटा दी। उन्होंने कहा, वे (भाजपा) उत्तर प्रदेश में राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं। लेकिन अब उन्हें वहां 'हे राम' (हार) के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
गठबंधन से अलग होने का कदम का समर्थकों ने तालियों से स्वागत किया चुनाव में अकेले उतरने का ठाकरे से आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों व संस्थानों में सभी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों को बंद करने के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हालिया निर्देश को लेकर उन पर हमला करते हुए ठाकरे ने इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा, शिवसैनिकों में मेरा पूरा विश्वास है। उनकी मदद से हम समस्त महाराष्ट्र में अकेले भगवा झंडा लहराएंगे इससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था और बाद में केंद्र और राज्य में समर्थन दे दिया था।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने उपनगर गोरेगांव में गुरुवार शाम को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम हर जगह भीख का कटोरा लेकर नहीं जाएंगे। इस गठबंधन में हमने 25 वर्षो का समय बर्बाद किया। लेकिन अब और नहीं। शिवसेना नगर निकाय चुनाव में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और भाजपा से गठबंधन नहीं होगा। खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर व डायरी में महात्मा गांधी की जगह मोदी की तस्वीर की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने महात्मा गांधी तक को नहीं बख्शा और केवीआईसी की डायरी व कैलेंडर से उनकी तस्वीर तक हटा दी। उन्होंने कहा, वे (भाजपा) उत्तर प्रदेश में राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं। लेकिन अब उन्हें वहां 'हे राम' (हार) के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
गठबंधन से अलग होने का कदम का समर्थकों ने तालियों से स्वागत किया चुनाव में अकेले उतरने का ठाकरे से आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों व संस्थानों में सभी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों को बंद करने के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हालिया निर्देश को लेकर उन पर हमला करते हुए ठाकरे ने इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा, शिवसैनिकों में मेरा पूरा विश्वास है। उनकी मदद से हम समस्त महाराष्ट्र में अकेले भगवा झंडा लहराएंगे। गठबंधन टूटने के बाद प्रदेश सरकार मे शामिल शिव सेना के मंत्रियो ने आज मुख्य मंत्री से मुलाकात कर इस सर्कुलर को वापस लेने की मॉग की. इसी बीच शिव सेना सॉसदो ने आज सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया.
बीजेपी से रिश्ते ख़त्म करने के लिए वजह बना सीटों का बंटवारा. बीजेपी का इस चुनाव में 50-50 फॉर्मुले के तहत आधी सीटें मांगना शिवसेना को नागवार गुजरा है. इसे उद्धव ठाकरे ने बिना हैसियत रखा प्रस्ताव करार देते हुए शिवसेना का अपमान करार दिया.
ग़ौरतलब है कि एशिया की सबसे अमीर महानगर पालिका की लड़ाई में शिवसेना ने बीजेपी को गत चुनाव के मुकाबले 5 सीटें कम देने का ऑफर दिया था. बीजेपी ने पिछले चुनाव में 65 सीटें लड़ी थी. ऐसे में बीजेपी ने भी इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर अकेले चुनाव में उतरने का फैसला किया है.