धर्मशाला, 24 दिसंबर (वी एन आई)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज नोटबंदी पर मोदी सरकार पर फिर बरसे.नोटबंदी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होने कहा कि यह फैसला गरीब विरोधी है, जो 50 कारपोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी 'देश की नकद अर्थव्यवस्था पर बमबारी है।उन्होंने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के खिलाफ उठाया गया कदम है.
उन्होंने एक जन सभा को संबोधित करते हुए कहा, "कोई नोट कालाधन है या नहीं, यह इस पर निर्भर करता है कि वह किसके हाथ में है। जिसके हाथ में है वह ईमानदार शख्स है या भ्रष्ट।"
राहुल ने कहा, "कोई नोट बेईमान नहीं होता, बेईमान तो उसे रखने वाला होता है। मोदी जी ने ढाई साल में कितने बेईमानों पर कार्रवाई की? उलटे नोट को बंद कर दिया, बेईमानों को नहीं।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आपने तो भारत को दो हिस्सों में बांट दिया है। एक तरफ एक फीसदी अमीर लोग हैं, तो दूसरी तरफ मध्यम वर्गीय व गरीब तबके के 99 फीसदी लोग। मोदी के दोस्त सुपर रिच लोग मौज कर रहे हैं, और गरीब अपने खून-पसीने की कमाई पाने के लिए कतारों में खड़ा मर रहा है।"
राहुल ने कहा कि मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के बाद हालात 50 दिनों के भीतर सुधर जाएंगे, लेकिन सुधरा क्या? अब तो सिर्फ छह दिन बचे हैं,उन्होने कहा कि छह से सात महीने में भी कोई सुधार नहीं आने वाला।
राहुल ने 40 मिनट के अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस कैशलेस (नकदी रहित) प्रणाली के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए और यह एक 'बहाना' नहीं होना चाहिए।
राज्य में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल के चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "नोटबंदी गरीबों, किसानों तथा मध्यम वर्गीय भारतीयों के खिलाफ उठाया गया कदम है।"
उन्होंने कहा, "भारत में केवल छह फीसदी कालाधन नकद में है। बाकी 94 फीसदी रियल एस्टेट व सोने के रूप में और विदेशी बैंकों में है। जिन्होंने भारी मात्रा में कालाधन जमा कर रखा है, वे उसे केवल नकद ही नहीं, बल्कि रियल एस्टेट, जेवर व अन्य रूपों में निवेश करके रखते हैं। बहुतों के खाते स्विस बैंक में हैं। स्विस बैंक में किनके खाते हैं, यह सरकार को पता है, फिर भी मोदी उन पर कार्रवाई नहीं करते।"
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल की बागवानी, कृषि व पर्यटन क्षेत्र पर नोटबंदी का प्रतिकूल असर पड़ा है। इससे उबरने में लंबा वक्त लगेगा