नई दिल्ली, 23 मई, (वीएनआई) मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा में आईं भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी राहत न देते हुए उनकी माफी को "मगरमच्छ के आंसू" बताते हुए खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन के निर्देश दिए हैं।
मंत्री विजय शाह के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनके मुवक्किल ने माफी मांग ली है, जिस पर जस्टिस सूर्यकांत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कभी-कभी माफ़ी बचने के लिए मांगी जाती है। यह माफ़ी मगरमच्छ के आंसू जैसी लगती है। एक पब्लिक फिगर को बोलते समय जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। सेना का अपमान कोई हल्की बात नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद FIR दर्ज कराना पड़ा, यह बताता है कि मामला कितना गंभीर है। इसके साथ ही कोर्ट ने तीन सदस्यीय SIT गठित करने के निर्देश दिए, जिसमें एक IG रैंक अधिकारी और एक महिला अधिकारी शामिल होंगी। ये सभी अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर से बाहर के होंगे।
गौरतलब है बीती 11 मई को मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बोलते हुए कहा कि "उन्होंने कपड़े उतार-उतारकर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा... अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा..." मंत्री ने सीधे तौर पर कर्नल सोफिया कुरैशी का संदर्भ लेकर उन्हें आतंकवादियों की बहन कह दिया था। इसके बाद पूरे देश में जबरदस्त विरोध हुआ। सेना और महिलाओं का अपमान बताते हुए सोशल मीडिया पर भी मंत्री की तीखी आलोचना हुई।
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