अपनी विरासत को संजोय रखने की संजीदा कोशिश ही हमें अपनी संस्कृति ,शैक्षिक व् सामाजिक इतिहास से जोड़े रखती है और हमें अपनी पहचान देती है
जो सम्मान आपके साथ जायेगा वो इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितनी `की वो विरासत जो आप छोड़ के जायेंगे
इंसान का सम्बन्ध अपनी विरासत से ठीक ऐसा है जैसा कि बच्चे का सम्बन्ध अपनी माँ से होता है