सुनील कुमार ,वी एन आई ,नयी दिल्ली 06 -01-2017
खुले दिमाग के साथ लोगों के नज़रिये का सम्मान करें जब की आप उस नज़रिये से सहमत न भी हों
हाँ में बागी हूँ ,गलत हूँ ,सबसे अलग हूँ क्योंकि में लोगों की जमात में शामिल नहीं हूँ मुझे संतुष्टि है की मेरी कुछ आस्थाएं हैं
अगर लोगों के अलग ,अलग नज़रिये हैं तो ये उनकी समस्या है आपकी नहीं
लोगों की भावनाओं की कद्र करें ,हालाँकि ये आपके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं पर उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है