नई दिल्ली, 16 जुलाई, (वीएनआई) सरकार की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई दर जून में 5.77 फीसदी हो गई है। आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर फिर से राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। यह पिछले चार साल में सर्वाधिक है।
पेट्रोल-डीजल और सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण मई महीने में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 15 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी, जबकि इसमें वृद्धि जून के महीने में भी जारी है और थोक मुद्रास्फीति जून महीने में बढ़कर 5.77 फीसदी तक पहुंच गई है। आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं के वर्ग में मुद्रास्फीति जून 2018 में 1.80% रही जो मई में 1.60% थी। सब्जियों के भाव सालाना आधार पर 8.12% ऊंचे रहे। मई में सब्जियों की कीमतें 2.51% बढ़ी थीं। बिजली और ईंधन क्षेत्र की मुद्रास्फीति दर जून में बढ़कर 16.18% हो गई जो मई में 11.22% थी।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ना इसकी प्रमुख वजह है। इस दौरान आलू की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 99.02% ऊंची चल रही थीं। मई में आलू में मुद्रास्फीति 81.93% थी। इसी प्रकार प्याज की महंगाई दर जून में 18.25% रही है जो इससे पिछले महीने 13.20% थी। दालों के दाम में गिरावट बनी हुई है। जून में दाल दलहनों के भाव सालाना आधार पर 20.23% घट गए थे। सरकार ने अप्रैल की थोक मूल्य मुद्रास्फीति को संशोधित कर 3.62% कर दिया है। प्रारंभिक आंकड़ों में इसके 3.18% रहने का अनुमान लगाया गया था।
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