नैनीताल, 04 मई, (वीएनआई) उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार को राज्य सरकार के उस फैसले को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है, जिसमे पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मुफ्त आवास और अन्य सुविधाएं देने का प्रावधान किया गया था।
न्यायलय के आदेश के बाद इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को 6 महीने के अंदर बकाया जमा कराना होगा। सिर्फ किराया ही नहीं, किराए के अलावा अन्य मदों में खर्च किए गए करीब 13 करोड़ रुपये की वसूली भी इनसे की जाएगी। वहीं इन अलग-अलग खर्चों में मुख्य तौर पर बिजली, पानी, फ्यूल, फोन बिल, यात्राओं पर खर्च और स्टाफ की सैलरी पर हुए खर्च शामिल हैं। गौरतलब है न्यायलय ने यह आदेश एक एनजीओ की याचिका पर दिया है।
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