नई दिल्ली, 28 दिसंबर, (वीएनआई) बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी की याचिका को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए मुनाफा साझा करने का आदेश दिया।
इस याचिका में उत्तराखंड बायोडायवर्सिटी बोर्ड के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमे बोर्ड द्वारा कहा गया था कि वह बायोलॉजिकल डायवर्सिटि एक्ट 2002 के तहत दिव्य फार्मेसी के उपर फीस लगाएगी। वहीं रामदेव की कंपनी की ओर से कहा गया कि उनकी कंपनी पूरी तरह से स्वदेशी है लिहाजा वह इस एक्ट के तहत वह मुनाफे में कोई साझेदारी नहीं करेगी। लेकिन बोर्ड ने कहा कि अगर स्वदेशी और विदेशी कंपनी के बीच भेदभाव किया जाएगा तो फेयर एंड एक्विटेबल बेनिफिट्स शेयरिंग की मूल भावना को ठेस पहुंचेगी।
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