नई दिल्ली, 3 अप्रैल (वीएनआई)| सर्वोच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार निरोधक अधिनियम, 1989 पर 20 मार्च को दिए अपने आदेश पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया।
दलित प्रदर्शनकारियों के अनुसार उन पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए बना कानून सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद कमजोर हो गया है। न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की एक पीठ ने हालांकि कहा कि एससी/एसटी अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज होने से पहले ही पीड़ित को मुआवजा दिया जा सकता है। केंद्र सरकार ने न्यायालय के उस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होगी।
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