नई दिल्ली, 07 अगस्त, (वीएनआई) मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर नियमित सुनवाई कर रही है, वहीं दूसरे दिन निर्मोही अखाड़ा अपनी दलीलें पेश कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़े से रामजन्मभूमि पर कब्जे के संबंध में सबूत मांगे हैं। कोर्ट ने अखाड़े से पूछा कि क्या कोई मौखिक, या कागजी सबूत या रेवेन्यू रिकॉर्ड है? इसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि 1982 में एक डकैती हुई थी जिसमें कागजात गायब गए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप बिना मालिकाना हक के पूजा-अर्चना कर सकते हैं लेकिन पूजा करना और मालिकाना हक जताना अलग-अलग बात है। इससे पहले कल की सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़ा ने कहा था कि 1934 से ही किसी मुसलमान को राम जन्मस्थल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी और उस पर सिर्फ निर्मोही अखाड़ा का नियंत्रण था।
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