मुंबई, 26 नवंबर | अगले सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का रुख बना रह सकता है, क्योंकि निवेशक नवंबर 2017 से दिसंबर 2017 के वायदा और विकल्प खंड में अपनी स्थिति तय करेंगे। जबकि नवंबर की डेरिवेटिव निविदा की समाप्ति गुरुवार को हो रही है। इसके अलावा बाजार की चाल प्रमुख कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजे, घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन के आधार पर तय होंगे।
व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दूसरी तिमाही के आंकड़े गुरुवार को शेयर बाजारों के बंद होने के बाद जारी करेगी। देश की जीडीपी दर जून में खत्म हुई पहली तिमाही में गिरकर 5.7 फीसदी रही थी, जिसका प्रमुख कारण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से पहले व्यापारियों द्वारा स्टॉक को खत्म करना रहा। गुरुवार को देश के बुनियादी ढांचे का अक्टूबर का आंकड़ा बाजार सत्र के समाप्त होने के बाद जारी किया जाएगा। भारत के आठ प्रमुख अवसंरचना क्षेत्र, जिसका औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 फीसदी भार है, इनमें सितंबर में 5.2 फीसदी की अच्छी तेजी दर्ज की गई थी।
मार्किट इकॉनमिक्स भारत के विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन पर नवंबर का मासिक सर्वेक्षण शुक्रवार को जारी करेगी। निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) अक्टूबर में गिरकर 50.3 पर रहा। इस सूचकांक में 50 से अधिक तेजी का तो 50 से कम मंदी का संकेत है। अगले सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी नजर रहेगी, इनके नवंबर के मासिक बिक्री के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए जाएंगे। वैश्विक मोर्चे पर, यूरोजोन की आर्थिक भावना संकेतक का नवंबर का आंकड़ा बुधवार को जारी किया जाएगा। इसी दिन अमेरिका की फेड रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन बयान जारी करेंगी। उनका कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है। चीन का कैक्सिन विनिर्माण पीएमआई आंकड़ा शुक्रवार को जारी किया जाएगा।
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