प्रधानमंत्री मोदी ने कहा गरीब-मजदूरों की पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती

By Shobhna Jain | Posted on 31st May 2020 | देश
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नई दिल्ली, 31 मई, (वीएनआई) देश में जारी कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में कहा कि 'गरीब-मजदूरों की पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती। 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में 'मन की बात' कार्यक्रम के 12वें एपिसोड में कोरोना संकट के चलते समाज के हर तबके पर पड़ी चोट का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि समाज का कोई भी वर्ग इस संकट की चोट से पहुंची पीड़ा से बचा नहीं रह सका है। लेकिन, गरीबों और मजदूरों पर इसकी जो मार पड़ी है उनके दर्द और पीड़ा को तो शब्दों में भी बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा है, हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो; और इस संकट की सबसे बड़ी चोट, अगर किसी पर पड़ी है, तो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा, शब्दों में नहीं कही जा सकती। हम में से कौन ऐसा होगा जो उनकी और उनके परिवार की तकलीफों को अनुभव न कर रहा हो। हम सब मिलकर इस तकलीफ को, इस पीड़ा को, बांटने का प्रयास कर रहे हैं, पूरा देश प्रयास कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है। एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज ही नहीं है, जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है, तो ऐसे में, नयी-नयी चुनौतियां और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव भी कर रहें हैं। उन्होंने कहा जो दृश्य आज हम देख रहे हैं, इससे देश को अतीत में जो कुछ हुआ, उसके अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर भी मिला है। आज, हमारे श्रमिकों की पीड़ा में, हम देश के पूर्वीं हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं। जिस पूर्वी हिस्से में, देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है, जिसके श्रमिकों के बाहुबल में, देश को, नई ऊंचाई पर ले जाने का सामर्थ्य है, उस पूर्वी हिस्से का विकास बहुत आवश्यक है।


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