पीएम मोदी की 33वी 'मन की बात', याद दिलाई एमरजेंसी,कहा चुनावो के होते ही बाद जन साधारण ने देश मे दोबारा लोकतंत्र स्थापित कर दिया

By Shobhna Jain | Posted on 25th Jun 2017 | देश
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नई दिल्ली, 25 जून (वी एन आई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशवासियो से अपने 33वीं 'मन की बात' की जिसमे उन्होने इमरजेंसी के दिनों को याद करने के अलावा जीएसटी, ईद, स्वच्छता अभियान, जगन्नाथ यात्रा, योग दिवस सहित कई मुद्दों पर बात की. पीएम मोदी ने आपातकाल के 42 साल पूरे होने का जिक्र किया. पीएम ने कहा, 'श्री प्रकाश त्रिपाठी ने 25 जून, 1975 को वह काली रात बताया है, जिसे कोई भी लोकतंत्र प्रेमी कभी नहीं भूल सकता है. यह हर भारतीय के जेहन में है. उस दौरान पूरे देश को जेलखाने में बदल दिया गया था. इसका विरोध करने वालों को जेल में डाल दिया गया था, जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी सहित कई गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया था. अखबारों को पूरी तरह बेकार कर दिया गया था.. 25 जून, 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के लिए काली रात थी. इमरजेंसी के दौरान अटलजी जेल में थे. उस रात को कोई भारतवासी, कोई लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता. एक प्रकार से देश को जेलखाने में बदल दिया गया था. विरोधी स्वर को दबोच दिया गया था. जयप्रकाश नारायण सहित देश के गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया था. न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के उस भयावह रूप की छाया से बच नहीं पाई थी लेकिन चुनावो के होते ही बाद जन साधारण ने लोकतंत्र स्थापित कर दिया इस मौके पर पी एम मोदी ने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एमर्जेंसी पर लिखी कविता को भी उद्धत किया. कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम मोदी ने वर्षा ऋतु का जिक्र करते हुए कहा , 'जीवन में कितनी ही आपाधापी हो, तनाव हो, व्यक्तिगत जीवन हो, सार्वजनिक जीवन हो, बारिश आते ही मन बदल जाता है.'गौरतलब हऐ कि ४२ वर्ष पूर्व देश मे २६ जून को आपतकाल ला्गू किया गया था, जिस पर पूरे देश मे कड़ी प्रत्रिक्रिया हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत देशवासियों को ईद और जगन्नाथ यात्रा की शुभकामना के साथ की. पीएम ने कहा, रमजान का पवित्र महीना इबादत के साथ मनाया गया. मेरी तरफ से सबको ईद की बहुत शुभकामनाएं. यह पुण्य दान का और खुशियों को बांटने का महीना है. खुशियां जितनी बांटी जाती हैं. उतनी बढ़ती हैं. हम खुशियों को बांटते चलें देश को आगे बढ़ाते रहें. पीएम मोदी ने कहा, 'बिजनौर की एक घटना सामने आई. वहां ज्यादा आबादी मुस्लिम परिवारों की है. इस गांव में गांव वालों ने मिलकर शौचालय बनाने का निर्णय लिया. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि गांव के लोगों ने रमजान के इस महीने में 17 लाख रुपए सरकार को लौटा दिए.' पीएम मोदी ने जगन्नाथ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश का गरीब जुड़ा हुआ है. कार्यक्रम में डॉक्टर अनिल सोनारा का फोन कॉल सुनाया गया, जिसमें वे कह रहे थे- प्रधानमंत्री जी, आपने केरल में आपने कहा था कि हमें बुके के बजाय अच्छी किताबें (बुक) देकर हमें लोगों का स्वागत करना चाहिए.' इसपर पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैं गुजरात में था तो सरकार में एक परंपरा शुरू की थी कि हम बुके नहीं देंगे, हम बुक देंगे या खादी का रूमाल देंगे. दिल्ली आने के बाद मेरी आदत छूट गई थी, लेकिन केरल जाने के बाद ये बातें फिर से याद आ गई, मैं लोगों से इसे अपनाने की अपील करता हूं.' उन्होंने कहा, 'मैं पिछले साल जब यूके गया था तो लंदन में क्वीन एलिजाबेध ने मुझे भोजन पर बुलाया था. उन्होंने बाद में मुझे खादी से बना हैंडकरचीफ दिखाया. उन्होंने बताया कि वह उन्हें शादी के समय गांधीजी ने भेजा था." पीएम मोदी ने खुले में शौच मुक्त होने वाले राज्यों को बधाई दी. कहा- 'हम जानते हैं कि देश में सिक्किम हिमाचल और केरल खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.' इस उदाहरण के जरिए पीएम मोदी ने देश के दूसरे राज्यों में रह रहे लोगों से भी खुले में शौच खत्म करने की अपील की. पीएम ने कहा, 'हम भली भांति जानते हैं कि व्यक्ति के जीवन में समाज में अच्छा करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. हैंडराइटिंग भी ठीक करनी हो तो लंबा अभ्यास करना होता है. खुले में शौच भी ऐसी ही आदत है, जो धीरे-धीरे जाएगी. पीएम ने कहा कि स्वच्छता सरकार का कार्यक्रम नहीं है यह जनअभियान बनता जा रहा है. पिछले दिनों एक बहुत ही उत्तम घटना सामने आई. यह घटना है आंध्र प्रदेश के विजयनगरम की. "वहां के प्रशासन ने जनभागीदारी से बड़ा काम हाथ में लिया. 10 से 14 मार्च तक 100 घंटे में 71 ग्राम पंचायतों में घरेलू शौचालय ने. जनता जनार्दन और प्रशासन ने यह काम सफलतापूर्वक कर दिया." पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में विश्व योग दिवस का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, "21 जून 2017 पूरा विश्व योगमय हो गया. पानी से पर्वत तक लोगों ने इसका स्वागत योग से किया. चीन की दीवार और पेरू में 2400 मीटर माचू पिच्चू पर योग किया. अबुधाबी में 4000 से ज्यादा लेागों ने सलमा बांध पर येाग करके भारत की दोस्ती को नया आयाम दिया. यूएन ने 10 स्टाम्प्स निकाले. गुजरात में करीब 55 हजार लोगों ने एकसाथ योग करके विश्व रिकॉर्ड बनाया. मुझे लखनऊ में पहली बार बारिश में योग करने का सौभाग्य मिला. हमारे जवानों ने -25 डिग्री तापमान पर लेह में योग किया. तीन पीढ़ियों के योग करने के फोटो अपलोड करने को कहा था. नरेंद्र मोदी एप पर इन्हें रखा गया है." पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इमरजेंसी के दिनों को दर्शाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal bihari vajpayee) की कविता को पढ़ा. कविता कुछ इस प्रकार है-: झुलासाता जेठ मास, शरद चांदनी उदास. सिसकी भरते सावन का. अंतर्घट रीत गया. एक बरस बीत गया. सींखचों में सिमटा जग, किंतु विकल प्राण विहग. धरती से अम्बर तक, गूंज मुक्ति गीत गया. एक बरस बीत गया. पथ निहारते नयन, गिनते दिन पल छिन. लौट कभी आएगा, मन का जो मीत गया. एक बरस बीत गया.

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