नई दिल्ली, 14 जून, (वीएनआई) मेट्रोमेन और दिल्ली मेट्रो के पूर्व चीफ ई श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर कहा कि वो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल द्वारा महिलाओं के लिए मेट्रो में मुफ्त सफर के प्रस्ताव के खिलाफ हैं।
डीएमआरसी के प्रमुख सलाहकार ई श्रीधरन ने प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के साथ दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों की समान भागेदारी है। उन्होंने पत्र में लिखा कि दिल्ली मेट्रो का एक शेयर धारक एक समुदाय को रियायत देने का एकतरफा फैसला नहीं ले सकता है। इससे मेट्रो की अक्षमता और दिवालियापन की तरफ जाएगी।
ई श्रीधरन ने आगे कहा कि दिल्ली मेट्रो के व्यवस्थित तंत्र को बनाए रखने के लिए 2002 में राजधानी में मेट्रो सेवा शुरू होने के समय ही हमने किसी तरह की सब्सिडी नहीं देने का सैद्धांतिक निर्णय लिया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इसकी प्रशंसा की थी, उन्होंने आगे लिखा कि सब्सिडी देने की परम्परा से विदेशी एजेंसियों से लिया गया लोन अदा करना मुश्किल होगा। अगर दिल्ली में मुफ्त यात्रा शुरू होगी तो ऐसी मांग देश के अन्य शहरों में भी उठेगी। उन्होंने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया कि वो ये सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में डाले। दिल्ली सरकार का तर्क है कि वो दिल्ली मेट्रो को जो राज्स्व घाटा होगा वो देगी। लेकिन ये राशि आज प्रति वर्ष लगभग 1,000 करोड़ रुपये है। गौरतलब है दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने हाल ही में मेट्रो और बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की घोषणा की है।
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