नई दिल्ली, 12 अक्टूबर, (वीएनआई) भारत ने विश्व बैंक की ओर से मानव पूंजी सूचकांक की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में मानव पूंजी के लिए विकास के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं उन्हें शामिल नहीं किया गया है।
रिपोर्ट में बच्चों के जीवित रहने की संभावना, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे पैमाने में भारत कुल 157 देशों की सूची में 115वें स्थान पर है। रिपोर्ट में भारत को नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देशों से भी नीचे रखा गया है। गौरतलब है मानव सूचि सूचकांक को 157 देशों के आंकड़ों के आधार पर जारी किया गया है, जिसमे इस बात को अहम लक्ष्य रखा गया था कि जो बच्चा जन्म लेता है वह 18 वर्ष की आयु तक कम से कम प्राप्त करे। वहीं विश्वबैंक की इस सूची में पहला स्थान सिंगापुर को मिला हैा। विश्वबैंक की इस सूची में सिंगापुर के बाद दक्षिण कोरिया, जापान, हॉगकॉग और फिनलैंड का स्थान है।
भारतीय वित्त मंत्रालय की ओर से विश्वबैंक की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा गया है कि भारत सरकार ने मानव सूची सूचकांक की रिपोर्ट को खारिज करने का फैसला लिया है क्योंकि इसमे मानव पूंजी को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के अहम प्रयासों को नजरअंदाज किया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस रिपोर्ट में तमाम योजनाएं जिसमे समग्र शिक्षा अभियान, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना को शामिल नहीं किया गया है, लिहाजा सरकार विश्वबैंक की इस रिपोर्ट को खारिज करती है और वह मानव पूंजी सूचकांक को लेकर अपना सतत प्रयास आगे भी जारी रखेगी, जिससे कि लोगों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके।
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