नई दिल्ली 21 जून (अनुपमा जैन,वीएनआई) कपालभाति प्राणायाम धरती की संजीवनी कहलाता है| कपालभाति प्राणायाम पेट की चर्बी कम करने व मोटापा घटाने के लिये के लिये सबसे अचूक उपा्यों मे से एक है, यह शरीर के सारे नेगेटिव तत्व शरीर से बाहर करने में सहायक होता है,कपाल का अर्थ है मस्तिष्क का अग्रभाग व भाति कहते है ज्योति या कान्ति अथवा तेज को, कपालभाति प्राणायाम लगातार करने से चहरे का लावण्य बढता है|जीरो फिगर वाली बॉलीवूड अभिनेत्री करीना कपूर प्रतिदिन 500 बार कपालभाति का अभ्यास करती हैं।
विधि : सबसे पहले पद्मासन या सुखासन जैसे किसी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं। कमर व गर्दन को सीधा कर लें। यहां छाती आगे की ओर उभरी रहेगी। हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। आंखें बंद करके आराम से बैठ जाएं व ध्यान को श्वास की गति पर ले आएं। यहां पेट ढीली अवस्था में होगा। अब कपालभाति प्रारंभ करें। इसके लिए नाभि से नीचे के पेट को पीछे की ओर पिचकाएं या धक्का दें। इसमें पेट की मांसपेशियां ्सकुंचित होती हैं। साथ ही, सांस को नाक से बलपूर्वक बाहर की ओर फेंकें, इससे सांस के बाहर निकलने की आवाज भी पैदा होगी। अब अंदर की ओर दबे हुए पेट को ढीला छोड़ दें और सांस को बिना आवाज भीतर जाने दें। सांस भरने के लिए जोर न लगाएं, वह स्वयं ही अंदर जाएगी। फिर से पेट अंदर की ओर दबाते हुए तेजी से सांस बाहर निकालें।
मोटापा कम करने और चेहरे का तेज बढाने अलावा यह प्राणायाम अन्य कई प्रकार से भी लाभकारी हैः
डायबिटीस व कोलेस्ट्रोल को घटाने में भी सहायक है|
थायरॉयड की समस्या को नियंत्रित करता है कब्ज,एसीडिटी जैसी पेट की सभी समस्याएँ के लिये काफी लाभप्रद है
बालो की समस्याओँ का समाधान प्राप्त होता है|
चेहरे की झुरीयाँ,आखो के नीचे के डार्क सर्कल कम करने मे सहायक है|
सभी प्रकार के चर्म समस्या नियंत्रित करने मे सहायक है|
आखो की सभी प्रकार की समस्या के लिये फायदेमंद है|
दातों की सभी प्रकार की समस्या व दातों की खतरनाक पायरीया जैसी बीमारी को ठीक करने मे भी लाभप्रद है|
यु्टरस(महिलाओ) की सभी समस्याओँ मे लाभ होता है|
सभी प्रकार की एलर्जियों को दूर करने मे सहायक है|
इस प्राणायाम से शरीर में स्वतः हिमोग्लोबिन व कैलशियम तैयार होता है|
किडनी स्वतः स्वच्छ होती है, कभी कभी डायलेसिस तक करने की जरुरत नहीं पडती