शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन होती है मां 'ब्रह्मचारिणी' की पूजा

By Shobhna Jain | Posted on 18th Oct 2020 | देश
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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (वीएनआई) शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। शनिवार से शुरू हुआ यह त्योहार अगले 9 दिनों तक चलेगा और 26 अक्टूबर को दशहरे के साथ संपन्न होगा।

नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के 'ब्रह्मचारिणी' रूप की पूजा करने का विधान है। श्री दुर्गा का द्वितीय रूप श्री ब्रह्मचारिणी हैं। मां का ये रूप बेहद ही शांत, सौम्य और मोहक है। मां के इस रूप को पूजने से व्यक्ति को तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम जैसे गुणों की प्राप्ति होती है जो उसको जीवन में आगे ले जाने में मदद करते हैं।यहां ब्रह्मचारिणी का तात्पर्य तपश्चारिणी है। इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप से प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। अतः ये तपश्चारिणी और ब्रह्मचारिणी के नाम से विख्यात हैं। नवरात्रि के द्वितीय दिन इनकी पूजा और अर्चना की जाती है। जो दोनो कर-कमलो मे अक्षमाला एवं कमंडल धारण करती है। वे सर्वश्रेष्ठ माँ भगवती ब्रह्मचारिणी मुझसे पर अति प्रसन्न हों। माँ ब्रह्मचारिणी सदैव अपने भक्तो पर कृपादृष्टि रखती है एवं सम्पूर्ण कष्ट दूर करके अभीष्ट कामनाओ की पूर्ति करती है। 

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा निम्न मंत्र के माध्यम से किया जाता है।
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

अर्थात् जिसके एक हाथ में अक्षमाला है और दूसरे हाथ में कमण्डल है, ऐसी उत्तम ब्रह्मचारिणीरूपा मां दुर्गा मुझ पर कृपा करें। वहीं नवरात्र के दूसरे दिन मां भगवती को चीनी का भोग लगाने का विधान है। ऐसा विश्वास है कि चीनी के भोग से उपासक को लंबी आयु प्राप्त होती है और वह निरोगी रहता है। साथ ही उसमें अच्छे विचारों का आगमन होता है और मां पार्वती के कठिन तप को मन में रखते हुए संघर्ष करने की प्रेरणा प्राप्त होती है।


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