नई दिल्ली 31 मार्च (वीएनआई) क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने डूटा द्वारा दिल्ली विश्वविधालय में बीते सोमवार 30 मार्च से शुरू हुए तीनदिवसीय ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम का समर्थन करते हुए उसमे अपनी भागीदारी निभाई|
क्रांतिकारी युवा संगठन के संयोजक शहनवाज़ ने एसओएल छात्रों के पूरे संघर्ष की बात रखते हुए बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति दिनेश सिंह के कार्यकाल के दौरान दिल्ली विश्वविधालय के स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग की स्थिति बेहद ख़राब हुई है | एसओएल छात्रों पढ़ाई को जाने वाली कक्षाओं की संख्या 20 से घटाकर इस साल 9 कर दी गयी है| आगे उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में ही एसओएल के डिग्री कोर्स ख़त्म करने की कवायद शुरू की कर दी गई थी| इसके साथ-साथ एसओएल में पढ़ने वाले गरीब छात्रों से ली जानी वाली फीस के पैसे से अंतर्ध्वनि, ज्ञानोदय जैसे कार्यक्रम करवाए जाते हैं| आगे उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की अकेले दिल्ली के रामानुजन कॉलेज को 25 करोड़ से अधिक रूपये अपना इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए दिया गया| हैरानी की बात यह है कि कॉरेस्पोंडेंस छात्रों की फीस से रेगुलर कॉलेजों में सुविधायें बढाई जा रही है|