नई दिल्ली, 24 फरवरी, (वीएनआई) क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने आज एक दैनिक अख़बार में छपी एक खबर एसओएल में एम-लर्निंग की पढाई शुरू की जा रही है की पूरी आलोचना करते हुए इसको एक फैलाया हुआ भ्रम बताया है| क्रांतिकारी युवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने बताया की हम एम-लर्निंग की पूर्ण रूप से भर्त्सना करते है और स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग(एसओएल) प्रशासन द्वारा फैलाये जा रहे भ्रांतियों को भी स्पष्ट करना चाहते है|
संगठन ने बताया की एसओएल देश का अकेला सरकारी उच्च-शिक्षण संस्थान है जो पढाई का पूरा खर्च और उससे भी ज्यादा छात्र-छात्राओं से फीस के रूप में लिया जाता है| अन्य सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी से मदद मिलती है परन्तु एसओएल जहाँ समाज के सबसे गरीब-मेहनतकश वर्ग के स्टूडेंट्स आते हैं वहां छात्रों को अपनी पढाई में लगने वाले मुल्य से भी अधिक पैसा देना पड़ता है| इसी पैसों से दिया गया ‘एम-लर्निंग’ का मोबाइल एप्लीकेशन को मुफ्त बताया जा रहा है| इससे भी बड़ी बात ये है कि पहले स्टूडेंट्स को 20 दिन की कक्षाएं मिलती थी परन्तु इस वर्ष छात्र-छात्राओं को केवल 8 दिन की कक्षाएं दी गयी हैं| धीरे-धीरे कक्षाओं को इसी प्रकार ख़त्म कर के ये भ्रान्ति फैलाई जा रही है कि छात्र-छात्राओं को मुफ्त में एम-लर्निंग दी जा रही है, मुफ्त में ई-किताबें दी जा रही है| क्लासरूम की पढाई का विकल्प एम-लर्निंग अथवा एमओओसी नहीं हो सकता| ये बात भी ध्यान देने योग्य है कि एसओएल में पढने वाले अधिकाँश स्टूडेंट्स गरीब छात्र हैं और उनके पास लैपटॉप तक की सुविधा नहीं है जिसके कारण उन्हें किताब छपवाने में ही 5000 से अधिक का खर्च आयेगा|